उरई (जालौन)। प्रदेश में बन रहीं 11 विरासत वृक्ष वाटिका के लिए जिले से भी वृक्ष की पौध जाएंगी। जिन वृक्षों से पौध ली जाएंगी। उन विरासत वृक्ष को बचाने और उनको सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग जागरूकता अभियान भी चलाएगा।
विरासत वृक्षों को संरक्षित करने के लिए प्रदेश में 11 वृक्ष वाटिका बनाई जा रही हैं। इसमें हर जिले से विरासत वृक्ष आ रहे हैं। इसमें जिले से भी 19 विरासत वृक्षों की 2,299 पौध भेजी जाएंगी। हर वृक्ष की 11- 11 पौध भेजी जाएंगी। डीएफओ प्रदीप कुमार ने बताया कि शासन के आदेश के बाद पौध तैयार की जा रही है। इसमें अधिकतर पौध तैयार भी हो गई है। जो विरासत वृक्ष हैं। उनकी पौध तैयार कराने के साथ उनके संरक्षण के लिए प्रचार भी किया जा रहा है।
इन जिलों में बनेंगे विरासत वृक्ष वाटिका
बरेली, लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या, सीतापुर, चित्रकूट, मेरठ, गोरखपुर, मिर्जापुर, प्रायगराज, मथुरा
ये हैं जिले के 19 विरासत वृक्ष
पेड़ का नाम आयु स्थान
बरगद 150 वर्ष पंचानन चौराहा
पीपल 140 वर्ष पंचनदा तीर्थ
पीपल 125 वर्ष पंचनदा तीर्थ
पीपल 100 वर्ष पंचनदा तीर्थ
पाखड़ 104 वर्ष माहिल तालाब उरई
बरगद 108 वर्ष माहिल तालब उरई
पीपल 102 वर्ष माहिल तालाब उरई
बरगद 110 वर्ष सत्ताताल मोहाना
पीपल 105 वर्ष सत्ताताल मोहाना
बरगद 140 वर्ष बजरंग आश्रम डकोर
पीपल 150 वर्ष जानकी मंदिर ददरी
पीपल 100 वर्ष पुराना बस स्टैंड जालौन
बरगद 150 वर्ष देवी जी मंदिर जैसारी
पीपल 200 वर्ष देवी जी मंदिर जैसारी
बरगद 250 वर्ष देवी जी मंदिर जैसारी
पाखड़ 250 वर्ष जैसारी प्राईमरी स्कूल
इमली 250 वर्ष ग्राम कहटा
पीपल 250 वर्ष ग्राम कमठा तालाब के किनारे
बरगद 400 वर्ष अमरोढ़ ग्राम में शंकर जी के मंदिर