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अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। बुंदेलखंड के बांधों के लिहाज से यह मानसूनी सीजन शानदार रहा। करीब दो माह की बारिश ने मंडल के 23 बांधों को लबालब कर दिया। भरपूर बारिश से इस दफा सपरार, खपरार एवं पहाड़ी जैसे बांध भी भर गए, जो पिछले सात साल से भर नहीं पाते थे। इनके भर जाने से आगामी रबी सीजन में सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं होगी। इसके साथ ही साल भर पीने का पानी भी भरपूर मिलेगा।
बेतवा समेत पहूज, खपरार, धसान जैसी छोटी नदियों के कैचमेंट इलाके में इस दफा अच्छी बारिश दर्ज हुई। इससे बेतवा समेत छोटी नदियों के बांध पानी से लबालब भर गए। सिंचाई अफसरों के मुताबिक, राजघाट बांध, माताटीला बांध, भौराट बांध, ढुकुवां बांध, पारीछा बांध, पहूज समेत अन्य बांध अपने उच्चतम स्तर तक भर चुके हैं। अब अगर बेतवा में पानी बढ़ेगा तब इसे नदी में छोड़ा जाएगा।
बुंदेलखंड में आने पर बेतवा नदी को सबसे पहले ललितपुर के राजघाट बांध में रोका जाता है। इसके बाद, माताटीला बांध, सुकुवां-ढुकुवां और पारीछा बांध भरे जाते हैं। राजघाट एवं माताटीला बांध भर जाने से सिंचाई अफसरों को राहत है। इनसे साल भर तक सिंचाई समेत पीने का पानी मिलता है। माताटीला बांध न सिर्फ पूरे साल झांसीवासियों की प्यास बुझाता है बल्कि रबी सीजन की खेती भी इसके जरिये नहरों को पानी मिलता है। मऊरानीपुर स्थित सपरार बांध भी इस दफा करीब 86 प्रतिशत भर गया जबकि पिछले साल यह महज 36 प्रतिशत भर सका था। इसके भरने से मऊरानीपुर के कई इलाकों को सिंचाई का पानी भी मिल सकेगा।
वर्जन
अच्छी बारिश की वजह से बांधों में पर्याप्त पानी स्टोर हो गया है। इसकी मदद से रबी सीजन समेत पेयजल के लिए पानी आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा। – अंबुज द्विवेदी, मुख्य अभियंता, बेतवा
इनसेट
प्रमुख जलाशयों में स्टोर पानी का स्तर ( 24 सितंबर 2024 तक)
बांध जलाशय का मौजूदा जलस्तर ( मिलियन क्यूबिक मीटर में) प्रतिशत
गोविंद सागर 96.79 100
शहजाद 109.70 95.57
जामनी 92.87 100
राजघाट 2200 100
माताटीला 641.06 100
सुकुवां ढुकुवां 29.31 100
पारीछा 63.63 100
बड़वार 33.780 100
डोंगरी 13.264 100
सपरार 66.459 86.06
लहचूरा 15.900 100
लखेरी 11.650 70
इनसेट
रबी सीजन का कृषि रकबा (हेक्टेयर में)
कृषि योग्य भूमि – 349.91
कुल सिंचित क्षेत्रफल- 309.50
नहरों से- 121.07
तालाब एवं झील से- 35.249
कुओं से- 113.49