
इन्हौना सूखी पड़ी क्षेत्र से गुजरने वाली माइनर।
सिंहपुर (अमेठी)। ब्लाॅक क्षेत्र की नहरों में पानी नहीं होने को लेकर किसानों को सिंचाई संकट का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र की 24 माइनर गेहूं की सिंचाई के समय सूखी पड़ीं हैं। ऐसे में क्षेत्रीय किसानों को सिंचाई में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
नहर व माइनरों के भरोसे खेती करने वाले किसानों के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हो गया है। लगभग दो माह से माइनरों से पानी नदारद है। गेंहू की सिंचाई करने के लिए किसान परेशान हैं। गेंहू की फसल सिंचाई बगैर सूख रही है। नहर व माइनर पर निर्भर किसानों को सिंचाई के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरी में किसान निजी नलकूप से सिंचाई कर फसल को बचाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
क्षेत्रीय किसान मुकेश यादव, गुड्डू, सुशील, संत प्रसाद यादव, राज बहादुर सिंह, राज तिवारी, अतुल शुक्ला आदि ने बताया कि यदि गेहूं की समय पर सिंचाई नहीं की गई तो पैदावार प्रभावित होगी और इसका प्रतिकूल प्रभाव उपज पर पड़ेगा। पैदावार कम होगी । यदि शीघ्र ही माइनर में पानी नहीं आया तो उन्हें मजबूरन डीजल इंजन का सहारा लेना पड़ेगा, जिससे उन्हें आर्थिक चपत लगेगी।
दो माह से नहीं आया पानी
सिंहपुर रजबहा में करीब दो माह से पानी नदारद होने से लगभग 50 हजार क्षेत्रीय किसान प्रभावित हैं। सिंहपुर सिंहपुर क्षेत्र में 24 माइनर हैं। जिसमें लौली, खरांवा, जगतपुर, सातनपुरवा, बंगरा, शिवरतंगज, जेहटाउसरहा, खरकपुर, पड़रिया, पेन्डारा, खारा, भानीपुर, भवानीपुर, बतिया, जिजौली, आजादपुर, पंहौना, सिंहपुर, गोधना, फत्तेपुर,रस्तामऊ, कोची, गोड़वा,राजापुर शामिल है। इन माइनरों से लगभग डेढ़ लाख एकड़ जमीन की सिंचाई होती है।
लखीमपुर खीरी से पानी बंद है
सिंचाई विभाग खंड 28 के सहायक अभियंता जयपाल ने बताया कि लखीमपुर खीरी से ही पानी बंद है। दो जनवरी के बाद रोस्टर के अनुसार पानी की आपूर्ति नहरों में होगी। किसानों को हो रही परेशानी की सूचना उच्चाधिकारियों को देते हुए जल्द पानी छोड़ने का अनुरोध किया गया है।
