रायबरेली। जिले में एंटी रैबीज वेनम (एआरवी) की खपत तेजी से बढ़ी है। महज डेढ़ माह में 2800 लोग कुत्ते व अन्य जानवरों की चपेट में आए हैं। रोजाना 300 से अधिक एआरवी की डिमांड तक बढ़ गई है। जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी स्तर पर 9000 से अधिक लोगों को एआरवी लगाई गई है। विभाग का दावा है कि अब तक गोदाम में 13 हजार टीके लगाने के लिए 2600 एआरवी के वायल उपलब्ध हैं।
कुत्ते व अन्य जानवरों के काटने के केस तेजी से बढ़े हैं। जिला अस्पताल को पांच हजार टीके लगाने के लिए एक हजार वायरल एआरवी दी गई। इसके अलावा सभी 19 सीएचसी को भी करीब 11 हजार टीके लगाने के लिए 2200 वायल एआरवी दी गई। डेढ़ माह में अस्पतालों में करीब 2000 वायल एआरवी खत्म भी हो गई है।
जिला अस्पताल में हर रोज करीब 200 लोग एआरवी लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। सीएचसी स्तर पर भी रोज 100 से अधिक लोग एआरवी लगवा रहे हैं। कुत्ता काटने के लगातार केस बढ़ने को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में एडवांस में एआरवी की व्यवस्था कर ली है। गोदाम में 13 हजार टीके लगाने के लिए एआरवी रखी गई है। सभी सीएचसी पर 100-100 और जिला अस्पताल में पांच हजार टीके की एआरवी उपलब्ध है।
एक वायल से लगते चार-पांच टीके
जिला अस्पताल के दवा भंडार के प्रभारी सुरेश चौधरी का कहना है कि अस्पताल में एआरवी की कमी नहीं है। एक वायल से चार से पांच टीके लग जाते हैं। एक मरीज को चार टीके तय समय पर लगाए जाते हैं। वर्तमान समय में पांच हजार टीके लगाने की एआरवी उपलब्ध है। रोजाना करीब 200 लोग एआरवी लगवाने के लिए आ रहे हैं।
कुत्ता व अन्य जानवरों के काटने के बाद अस्पतालों में पहुंच रहे मरीजों में एआरवी लगाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त हैं। सभी सीएचसी पर एडवांस में एआरवी रखवायी गई है। खत्म होने पर अधीक्षकों को मुख्य गोदाम से एआरवी मंवगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ
