30 percent e vehicles will be on roads in next six years says UP chief secretary.

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : Freepik

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मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है। जिस अनुपात में ई वाहनों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, उसी अनुपात में ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने होंगे। यूपी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केंद्र बने, इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। यह पर्यावरण के लिए भी जरूरी है कि ई वाहनों को बढ़ावा दिया जाए।

वह बुधवार को गोमती नगर स्थित एक होटल में यूपी रिन्यूवेबल एंड ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (यूपीरेव) द्वारा आयोजित ईवी चार्जिंग वे अहेड विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी तरह के ई वाहनों पर सब्सिडी दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक यानी अगले छह साल में प्रदेश में 30 फीसदी ई वाहन सड़कों पर लाने का लक्ष्य है। लखनऊ में अशोक लीलैन्ड इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए संंयंत्र लगा रही है। दो वर्ष में उत्पादन शु्रू हो जाएगा। टाटा मोटर्स राजधानी में पहले से ही है। वहीं, ई वाहनों की चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना और बेहतर सेवाओं के लिए यूपीरेव का गठन किया गया है। यह प्रदेश में ऐसा चार्जिंग इको सिस्टम बनाएगी।

उन्होंने कहा कि ई वाहनों की चार्जिंग में वक्त लगता है। ऐसे में चार्जिंग सेंटर पर कैफे, मनोरंजन, बैठने व आराम करने के लिए स्थान होना चाहिए। हाईवे व एक्सप्रेसवे पर भी प्रत्येक 25 किमी पर ऐसी व्यवस्था बनानी होगी। अभी प्रदेश के 15 शहरों में ई वाहन चल रहे हैं। नगर विकास विभाग के अंतर्गत अर्बन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में 2000 ई वाहनों का लक्ष्य रखा गया है।

जी 20 के शेरपा अभिताभ कांत ने कहा कि प्रदेश के 10 बड़े शहर लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, प्रयागराज, अयोध्या, मेरठ तथा गोरखपुर में ई वाहनों के लिए सबसे ज्यादा अवसर हैं। उन्होंने बताया कि धुएं के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। इससे इंसान की आयु औसत आठ साल घट गई है।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा है। इससे रोजगार सृजन के साथ ही बड़े निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।

सेमिनार में यूपी पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल, इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम के अध्यक्ष रिजी कुमार पिल्लई, रिवर फ्रंट अथॉरिटी के अध्यक्ष व अर्बन प्लानिंग में सलाहकार केशव वर्मा और यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार आदि मौजूद थे।



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