कुछ वर्षों पहले हलवाई की दुकान चलाने वाला नितिन भगौर साइबर ठगी के गैंग से जुड़ने के बाद रातों-रात अमीर बन बैठा। खुद का सफेद कॉलर रखने के लिए उसने दुबई का वीजा लिया और वहां जाकर एक बोगस कंपनी मेडलर ग्लोबल एक्सीलेंस, मेडलर सर्विस ग्रुप बना ली। ठगी कर कमाए रुपयों को कंपनी की आय के रूप में दर्शाकर आराम की जिंदगी जी रहा था। देश में गैंग के सदस्यों से संपर्क रखने और नए सदस्यों को ट्रेंड करने की जिम्मेदारी उसने अपने साथी रवि को दी थी। दुबई में ठगी का सेंटर चलाने के लिए बीच-बीच में देश आकर ट्रेंड युवाओं को अपनी कंपनी के वीजा पर दुबई ले जाता था।
32 साइबर अपराधियों की पूरी बारात पकड़ने के लिए पुलिस को दो महीने तक मेहनत करनी पड़ी। एनसीआरबी पर दर्ज हुई एक शिकायत पर जांच करने के दौरान प्रतिबिंब एप पर पुलिस को साइबर ठगी में शामिल युवक का पता चला। उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि ताजगंज के गोबर चौकी क्षेत्र निवासी रवि राठौर और न्यू सुरक्षा विहार कॉलोनी के नितिन भगौर के लिए काम करता है।
रवि के अपराध में शामिल होने की पुलिस को जल्द ही पुष्टि हो गई लेकिन नितिन तक पहुंचना मुश्किल था। नितिन अपने किसी नंबर, मेल और खाते का इस्तेमाल ठगी के लिए नहीं करता था। डार्क वेब और अन्य एप के माध्यम से ही कुछ खास लोगों से संपर्क करता था। पुलिस ने संदेह के घेरे में आए 200 से ज्यादा नंबरों और उनसे लिंक खातों के बारे में जांच शुरू की। एक संदिग्ध खाते से नितिन ने अपनी कंपनी के खाते में रकम ट्रांसफर कराई थी। इसके बाद पुलिस पूरी चेन पकड़ती चली गई। सोमवार को ताजगंज पुलिस ने ठगों के स्थानीय लीडर रवि राठौर को गिरफ्तार कर लिया है।