Muzaffarnagar: भारतीय जैन मिलन क्षेत्र संख्या 4 का 43वां वार्षिक अधिवेशन मुजफ्फरनगर के जैन मिलन मेन द्वारा बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर एक भव्य और ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ, जिसमें भारतीय जैन समुदाय के नेताओं, समाजसेवियों, और श्रद्धालुओं की भारी संख्या ने हिस्सा लिया। धर्म के प्रति श्रद्धा और एकता के संदेश से भरपूर इस कार्यक्रम ने न केवल जैन धर्म के अनुयायियों को एकजुट किया बल्कि समाज में सामाजिक कार्यों और सेवा के प्रति जागरूकता भी फैलाई।
कार्यक्रम की शुरुआत क्षेत्रीय अध्यक्ष वीर अरियंजय जैन द्वारा धर्म ध्वजारोहण से हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि वीर शीतल जैन ने मण्डप का उद्घाटन किया। इस भव्य उद्घाटन समारोह में वीर संजय जैन (आयकर अधिकारी) और वीर राजेश जैन (आरोमा पेपर मिल) ने मंच का उद्घाटन किया। भगवान महावीर के चित्र का अनावरण वीर मनोज जैन (एलजी वालो) और दीप प्रज्वलन वीर हर्षवर्धन जैन (अर्चना साड़ी वालो) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में वीर विजय जैन (गुणा), वीर अजय जैन (सहारनपुर), वीर नरेश जैन (देहरादून), और वीर मनोज कुमार जैन (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष) जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवमयी बना दिया।
इस अवसर पर विशेष रूप से स्टेट बैंक के चीफ मैनेजर श्री योगेश जी की उपस्थिति भी गरिमा का प्रतीक रही। कार्यक्रम में हरिद्वार, रूङकी, शामली, खतौलो, और मुजफ्फरनगर से लगभग 400 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो इस विशाल आयोजन की सफलता को और भी खास बनाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अद्भुत संगम
इस भव्य अधिवेशन में जहां एक ओर समाजिक कार्यों और धार्मिक अनुष्ठानों पर चर्चा की गई, वहीं दूसरी ओर बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मनोहारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों के नृत्य और संगीत ने कार्यक्रम में रंग जमा दिया और दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में खास तौर से क्षेत्रीय मंत्री वीर अभिषेक जैन द्वारा सभी शाखाओं द्वारा किए गए सेवा कार्यों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि पिछले साल समाज में कई सामाजिक कार्य किए गए, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और धार्मिक कार्यों में सहायता।
सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली शाखाओं को पुरुस्कृत किया गया और विशेष पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें से कुछ प्रमुख कार्यकर्ता जो पुरस्कारों से नवाजे गए, उनमें वीर राकेश जैन (मंत्री, जैन मिलन मेन), वीर सुनील कुमार जैन (खतौलो), और वीरां अंजलि जैन (मुजफ्फरनगर) का नाम शामिल है। इन्हें ‘वीर आफ द ईयर’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
भारतीय जैन मिलन का महत्व और उद्देश्य
कार्यक्रम के दौरान वीर मनोज जैन (राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष) ने भारतीय जैन मिलन के उद्देश्य और कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि भारतीय जैन मिलन की पूरे भारत में 1500 से अधिक शाखाएँ हैं और ये 19 क्षेत्रों में विभाजित हैं। उनका मुख्य उद्देश्य जैन धर्म की सभी मान्यताओं को एक सूत्र में पिरोना और समाज में सेवा कार्यों को बढ़ावा देना है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जैन मिलन की शाखाएँ समाज में शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सामाजिक कार्यों के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। यह संगठन हर क्षेत्र में समाज के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और इससे समाज में एकता का संदेश फैलता है।
कार्यक्रम में योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्तित्व
इस भव्य अधिवेशन के आयोजन में कई प्रमुख व्यक्तित्वों ने योगदान दिया, जिनमें शाखा अध्यक्ष वीर आदिश जैन, मंत्री वीर राकेश कुमार जैन, ग्रामीण बैंक के अतुल जैन, सुभाष जैन, प्रमोद जैन, दिनेश जैन, अजय जैन, हर्ष जैन, अरविंद जैन, सचिन जैन, नीरज जैन, वाई के जैन, नरेश जैन, कलश साड़ी पराग जैन, नरेंद्र जैन, राजीव जैन, रमेश जैन, पंकज जैन, प्रवीण जैन, सुखमाल जैन, और अन्य कई सदस्यों का विशेष योगदान रहा। इन सबके प्रयासों से ही यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया जा सका और इसने भारतीय जैन मिलन के उद्देश्य को और मजबूती दी।
भारतीय जैन मिलन का सामाजिक प्रभाव
भारतीय जैन मिलन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इस संगठन के द्वारा किए गए सेवा कार्यों से समाज में न केवल धर्म के प्रति श्रद्धा बढ़ी है, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी भी जागृत हुई है। जैन मिलन ने हमेशा समाज के गरीब और जरूरतमंद वर्ग के लिए काम किया है, चाहे वह शिक्षा हो या स्वास्थ्य सेवाएँ।
समापन समारोह और भविष्य की योजनाएं
अधिवेशन के समापन समारोह में जैन समाज के प्रमुख प्रतिनिधियों ने अपने विचार साझा किए और भारतीय जैन मिलन के भविष्य के योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जैन मिलन और भी अधिक समाजिक कार्यों को प्राथमिकता देगा और इसके माध्यम से जैन धर्म के अनुयायी समाज में एकता, शांति, और प्यार का संदेश फैलाएंगे।
इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जैन समाज न केवल धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा में पक्का है, बल्कि समाज सेवा और एकता में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारतीय जैन मिलन: एक नई दिशा की ओर
जैन मिलन का यह 43वां वार्षिक अधिवेशन एक नया अध्याय लेकर आया है, जिसमें धर्म, संस्कृति और समाजसेवा के प्रति प्रतिबद्धता की मिसाल पेश की गई है। इस तरह के आयोजनों से न केवल जैन समुदाय की एकता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में भी कार्य करता है।