
बलदेव में डोल पंचमी पर खूब उड़ा अबीर-गुलाल… बरसा रंग।
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तीर्थनगरी मथुरा के बलदेव में ब्रज के राजा श्री बलदाऊजी के 45 दिवसीय होली महोत्सव का समापन डोल पंचमी के साथ हो गया। श्री दाऊजी महाराज मंदिर में 45 दिवसीय होली महोत्सव समापन के अवसर सुबह से शाम तक भारी भीड़ उमड़ती रही। दोपहर में मंदिर में हजारों सेवायत व श्रद्धालुओं की उपस्थिति में समाज गायन हुआ।
इसमें होली के पद गायन विभिन्न वाद्य यंत्रों से हुआ। समाज गायन की गूंज चारों ओर उठी। समाज गायन में जोश व उत्साह नजर आया। समाज गायन में ढप धरि दे यार गई परु की, जो जीवेगौ सो खेलेगौ फाग से समाज गायन के स्वर गूंज उठे। अबीर, गुलाल टेसू के रंग की वर्षा के साथ गुलाल व टेसू के रंगों से सेवायत व श्रद्धालु सरावोर नजर आए।
समस्त गुलाल अबीर टेसू के रंग की वर्षा के साथ 45 दिवसीय होली महोत्सव समापन हो गया। मंदिर को विशेष रूप से गुब्बारों, फूलों, आम व केला के पत्तों से फूल बंगला से आकर्षक ढंग से सजाया गया। श्री दाऊजी महाराज व रेवती मैया मनोहारी शृंगार में बड़े मनोहारी लग रहे थे।
भारी भीड़ देर शाम तक उमड़ती रही। महिलाएं लहंगा फरिया में आई। इस अवसर पर सभी को फऊआ प्रसाद में लड्डू, पेड़ा, गुजिया आदि बांटा गया। मंदिर रिसीवर आर के पांडेय व पुजारी रामनिवास शर्मा ने बताया जो जीवैगौ सो खेलेगौ फाग की गूंज के साथ होली का समापन अगले साल की तैयारी के साथ विदा हो गया।
सेवायत वैणी माधव शास्त्री, विष्णु आचार्य, बैकुंठनाथ पांडेय, ज्ञानेंद्र पांडेय, राजेन्द्र पांडेय, सोनू पांडेय, गणेश पांडेय आदि ने कहा होली की यादों के साथ इस वर्ष की होली विदाई हो गई। अगले साल जो जीवैगौ सो खेलेगौ फाग इस मंगल कामना के साथ होली का समापन हुआ। समापन के अवसर पर क्षीर सागर की परिक्रमा करते हुए सेवायत श्रद्धालुओं घरों को प्रस्थान कर गए। देहात क्षेत्रों से विभिन्न गांवों से श्रद्धालुओं के टोल के टोल बनाकर भजन रसिया गाते नाचते देर शाम तक नजर आए।