लखनऊ। राजधानी में एक नवंबर से वर्टिकल सिस्टम लागू होने जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत अमौसी, लखनऊ सेंट्रल, जानकीपुरम और गोमतीनगर जोन में कामगारों की संख्या घटा दी गई है। इससे 45 इंजीनियर और 250 से अधिक कर्मचारी सरप्लस घोषित किए गए हैं।

इन 45 इंजीनियरों को मौजूदा जोनों से कार्यमुक्त कर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय से संबद्ध किया जाएगा। आगे इन्हें मुख्यालय में तैनात रखने या अन्य जिलों में स्थानांतरित करने का फैसला निगम प्रबंधन करेगा।

ये पद होंगे प्रभावित

मध्यांचल निगम द्वारा जारी आदेश के अनुसार, 21 अवर अभियंता, 14 सहायक अभियंता, 10 अधिशासी अभियंता को अमौसी, लखनऊ सेंट्रल, जानकीपुरम और गोमतीनगर जोन से कार्यमुक्त किया जाएगा। प्रबंधन का दावा है कि वर्टिकल सिस्टम में वर्तमान व्यवस्था की तुलना में कम इंजीनियरों और कर्मचारियों से काम अधिक कुशलता से होगा।

इंजीनियर परेशान

शनिवार शाम आदेश जारी होते ही इंजीनियरों में बेचैनी फैल गई। जिनका नाम 45 की सूची में शामिल हो सकता है, वे परेशान रहे। कई इंजीनियरों को अंदेशा है कि उनका राजधानी से स्थानांतरण हो जाएगा। कुछ ने बताया कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से परिवार के पास तैनाती हासिल की थी, लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही ट्रांसफर का खतरा मंडरा रहा है।



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