उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक हृदयस्थल मुज़फ्फरनगर में इस वर्ष रामलीला मंचन का इतिहास रचने की तैयारियाँ अपने चरम पर हैं। Muzaffarnagar पटेलनगर नई मंडी स्थित श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति इस बार अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रही है और इस मौके को यादगार बनाने के लिए भव्य आयोजन की रूपरेखा पर दिन-रात काम चल रहा है।
🔹 कलाकारों में दिखा जबरदस्त उत्साह, मंचन की तैयारी में भरपूर जोश
रामायण के जीवंत मंचन की परंपरा को बनाए रखने के लिए इस बार के कलाकार पूरी शिद्दत के साथ रिहर्सल में जुटे हुए हैं। संवाद अदायगी, भाव-भंगिमा, पारंपरिक पोशाकों और लाइव संगीत के साथ कलाकारों की प्रस्तुतियाँ हर वर्ष से बेहतर बनाने का प्रयास हो रहा है। रविवार को रामलीला भवन में कलाकारों ने रावण जन्म और सीता हरण जैसे प्रमुख प्रसंगों की जोरदार प्रस्तुति दी, जिससे साफ़ झलकता है कि यह वर्ष रामलीला प्रेमियों के लिए बेहद खास होने वाला है।
🔸 5 सितम्बर को निकलेगी ऐतिहासिक ध्वज यात्रा
स्वर्ण जयंती समारोह की शुरुआत 5 सितम्बर को हनुमान जी द्वारा ध्वज यात्रा से होगी। यह ध्वज यात्रा पूरे शहर में निकाली जाएगी जो धार्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बनेगी। रामभक्तों के जोश और श्रद्धा का समावेश इस यात्रा में देखने को मिलेगा। यह यात्रा समिति की पहचान बन चुकी है और हर वर्ष की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भागीदारी की उम्मीद है।
🔸 20 सितम्बर से होगा रामलीला मंचन का आग़ाज़
रामलीला का मंचन 20 सितम्बर से शुरू होगा, जो विजयदशमी तक चलेगा। इस वर्ष की खास बात यह है कि मंचन में टेक्नोलॉजी और पारंपरिक नाट्यकला का संगम देखने को मिलेगा। लाइव ध्वनि, प्रकाश व्यवस्था, पारंपरिक वेशभूषा और संस्कृतिक परंपरा से ओतप्रोत ये मंचन दर्शकों के लिए अलौकिक अनुभव का माध्यम बनेंगे।
🔹 श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति: 50 वर्षों की प्रतिष्ठा का प्रतीक
स्थानीय स्तर पर विख्यात श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पिछले 50 वर्षों से रामलीला मंचन की इस अद्भुत परंपरा को जीवंत बनाए हुए है। इस स्वर्ण जयंती वर्ष में समिति ने पहले से भी अधिक भव्यता और गंभीरता के साथ आयोजन की जिम्मेदारी उठाई है। समिति के मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन के नेतृत्व में यह प्रयास हो रहा है कि हर प्रस्तुति दर्शकों के हृदय में अमिट छाप छोड़े।
🔹 निर्देशक मंडल और आयोजन समिति की मेहनत
इस साल के मंचन को निर्देशित कर रहे हैं:
नारायण ऐरन, गोविन्द शर्मा, जितेन्द्र नामदेव, जो कलाकारों को अभिनय, संवाद और मंचीय संचालन की गहराई से शिक्षा दे रहे हैं। इसके साथ ही अध्यक्ष गोपाल चौधरी, मंत्री सुरेन्द्र मंगल, उपाध्यक्ष प्रमोद गुप्ता और पूरी कमेटी आयोजन को सफल बनाने में दिन-रात जुटी हुई है।
🔸 100 से अधिक कलाकार ले रहे भाग, हर किरदार में जान फूंकने का प्रयास
इस वर्ष रामलीला में 100 से अधिक स्थानीय कलाकार भाग ले रहे हैं। जिनमें प्रमुख नाम हैं:
प्रदीप, बोबी, अंशुल गुप्ता, पंकज शर्मा, यश गर्ग, राकेश मित्तल, तनिष्क भारद्वाज, आकाश गोयल, लक्ष्य बंसल, शिवांश ठाकुर, राकेश वशिष्ठ, यश चौधरी, दीपक मित्तल, प्रियांशु धीरयान, उदय कौशिक, कृष्णा नामदेव, आर्यन गुप्ता, चिराग चौधरी आदि।
हर कलाकार का प्रयास है कि वह अपने किरदार में पूरी आत्मा डाल दे। रावण की गर्जना से लेकर सीता की करुणा और राम के आदर्शों तक—हर भाव दर्शकों को भावविभोर कर देगा।
🔸 सावन के साथ शुरू हुई रिहर्सल, समर्पण की मिसाल बने कलाकार
सावन माह की शुरुआत के साथ ही रामलीला भवन में कलाकारों ने रिहर्सल शुरू कर दी थी। हर शाम घंटों तक चलने वाली यह रिहर्सल अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। कलाकारों ने गर्मी और बरसात दोनों में भी रिहर्सल को नहीं रोका, जिससे उनकी लगन और आस्था स्पष्ट झलकती है।
🔹 रामलीला सिर्फ अभिनय नहीं, बल्कि संस्कृति का जीवंत रूप
यह रामलीला सिर्फ एक मंचीय प्रस्तुति नहीं, बल्कि भारत की महान परंपराओं, मूल्यों और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा को जीवंत बनाए रखने में श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति का योगदान अतुलनीय है।
यह आयोजन न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का भी प्रतीक है।
इस वर्ष की रामलीला निश्चित ही मुजफ्फरनगर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगी। स्वर्ण जयंती महोत्सव की यह भव्य रात्रियाँ दर्शकों को श्रीराम की दिव्यता और रावण की अंधकारपूर्ण सत्ता के मध्य धर्म की विजय की याद दिलाएंगी। इस आयोजन से जुड़ने के लिए शहरभर में धार्मिक उत्साह चरम पर है। श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति की यह कोशिश निश्चित ही सराहनीय और प्रेरणास्पद है।