-323 गांवों में हुई थी पांच बार बारिश व ओलावृष्टि, बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा यह जिला

संवाद न्यूज एजेंसी

उरई। बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा जालौन जिले में आसमानी आपदा ने किसानों को प्रभावित किया है। इस जिले के किसानों को बुंदेलखंड के अन्य जिलों के मुकाबले सबसे ज्यादा मुआवजा मिल सकेगा। इसके लिए शासन ने पांच करोड़ रुपये जिला प्रशासन को दिए हैं। प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार जिले के 323 गांवों के 6753 किसानों की 10406.377 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। यह ऑनलाइन विवरण बताया जा रहा है।

जिले में 20 फरवरी, 27 फरवरी के बाद एक, दो व तीन मार्च को बारिश व ओलावृष्टि हुई थी। इस बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से मटर, सरसों, गेहूं, चना, मसूर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। जालौन तहसील में 78 गांवों में किसानों को नुकसान पहुंचा। इसमें सबसे ज्यादा पड़वारी, धनौराकलाॅ, धंतौली, खर्रा, कुंवरपुरा, हरकौती, खनुवां, लहचूरा गांव हैं। वहीं उरई के 69 गांवों में सबसे ज्यादा करमेर, बरदर धमनी बुजुर्ग ददरी रिरुवा में नुकसान हुआ है। कालपी के 93 ग्रामों में नुकसान हुआ, जिसमें सबसे ज्यादा जोरा खेरा, संदी, सुनहटा, इमिलिया बुजुर्ग, कदौरा, अमीसा में नुकसान हुआ। कोंच तहसील के 55 गांवों के किसान प्रभावित हुए। सबसे ज्यादा फसल तबाह भेंड, रबा, जरा, खुर्द, कनासी, अदलीसपुरा, चकधाई, अकनीबा, बरहा, नरी, पहाड़गांव भेंपता मे हुआ। तहसील माधौगढ़ में 28 ग्रामों के मानपुरा, लहूदा, अपरेहटी, गोपालपुरा, महोई, असहना, अतरौली, सर्रा, सूपानुनायचा में सबसे ज्यादा फसलें प्रभावित हुईं।

किस जिले को कितना मिला मुआवजा

जालौन 5 करोड़ रुपये

ललितपुर 3 करोड़ रुपये

महोबा 3 करोड़

बांदा 2 करोड़

झांसी 2 करोड़

चित्रकूट 1 करोड़

किस तहसील में कितना प्रभावित हुआ किसान

तहसील गांव किसान भूमि फसल हेक्टेयर में

जालौन 78 1419 1733.3480

उरई 69 1881 1485.2690

कालपी 93 1454 5183.400

कोंच 55 1021 1013.1240

माधौगढ़ 28 978 991.2400

इस तरह मिलेगा मुआवजा

सिंचित क्षेत्र में 17000 रुपये प्रति हेक्टेयर

असिंचित क्षेत्र में 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर

न्यूनतम सिंचित क्षेत्र में 2000 रुपये

न्यूनतम असिंचित क्षेत्र में 1000 रुपये दर पर

वेबसाइट पर भी दर्ज करा सकते हैं विवरण

एडीएम संजय कुमार ने बताया कि किसान लेखपालाें और कृषि विभाग द्वारा नुकसान हुए किसानों का पूरा विवरण लिया जा रहा है। इसके साथ ही किसान https://forms.gle/1NECG9RyvtRUNPpo7 के माध्यम से भी विवरण उपलब्ध करा सकते हैं।

कुसमिलिया गांव निवासी किसान गोपीचंद्र ने बताया कि उन्होंने 20 बीघा खेत में मटर की फसल बोई थी। ओले से उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है। यहां तक की सरसों भी नहीं बच सकी। सरकार से मुआवजा मिल जाएगा तो कुछ राहत मिलेगी।

मुहम्मदाबाद निवासी किसान अजीज खां ने बताया कि उन्होंने बीस से पच्चीस बीघे में मटर व गेहूं की फसल बोई थी। लेकिन ओले गिरने व तेज हवा से गेहूं की फसल पूरी तरह गिर गई। मटर भी नष्ट हो गई। अब मुआवजे की उम्मीद है। सरकार से मुआवजे की उम्मीद है।

-शासन से पांच करोड़ रुपये के मुआवजे का पत्र प्राप्त हो गया है। विवरण पूरा होने और सर्वे के आधार पर किसानों को मदद दी जाएगी।

राजेश कुमार पांडेय, जिलाधिकारी



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