अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। पिछले सप्ताह हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से जिले के 145 गांवों की 50 हजार हेक्टेअर से ज्यादा जमीन पर लगीं फसलें प्रभावित हुईं हैं। कुदरत की मार से 68,599 किसानों को 83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कुछ गांवों में तो फसलें पूरी तरह से ही तबाह हो चुकी हैं। प्रशासन ने भी इसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी है।

शनिवार की शाम जिले के कई इलाकों में तेज हवाओं के बीच जमकर बारिश हुई थी। इसके अलावा ओलावृष्टि भी हुई। इससे खेतों में खड़ी गेहूं, चना, मटर व सरसों की फसलें बुरी तरह से प्रभावित हो गईं थीं। शासन के निर्देश पर राजस्व विभाग, कृषि विभाग व बीमा कंपनी की संयुक्त टीमों द्वारा प्रभावित गांवों का सर्वे किया गया था, जिसकी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई है। दैवी आपदा की वजह से जिले की तीन तहसीलों के 145 गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। इनमें सदर तहसील के 32 गांवों के 15,343 किसानों की फसलें खराब हुईं हैं। जबकि, मोंठ तहसील के 23 गांवों के 3,933 और मऊरानीपुर तहसील के 90 गांवों के 49,323 किसानों की मेहनत व लागत पर कुदरत ने पानी फेरा है। मऊरानीपुर में सर्वाधिक 34,111 हेक्टेअर में लगी फसल खराब हुई है। इसके अलावा सदर तहसील में 13,174 और मोंठ तहसील के 3,642 हेक्टेअर में लगीं फसलें 33 प्रतिशत से अधिक प्रभावित हुईं हैं।

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235 किसानों के खाते में पहुंचा मुआवजा

प्रशासन की ओर से किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बुधवार को मोंठ तहसील के 38 और सदर तहसील के 197 किसानों के खाते में 25,45,360 रुपये की मुआवजा राशि भेजी गई। असिंचित जमीन का 8,500 रुपये और सिंचित जमीन का मुआवजा 17,000 रुपये प्रति हेक्टेअर की दर से दिया जा रहा है। फिलहाल, शासन की ओर से जनपद को दो करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। लेकिन, जल्द ही दूसरी किस्त भी जारी कर दी जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है। इसके अलावा मटर, चना व सरसों की फसलें भी प्रभावित हुईं हैं। अधिकतम दो हेक्टेअर जमीन का मुआवजा देने का प्रावधान है।

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बीमा कंपनी से मांगा क्लेम

प्रशासन की ओर से बीमा कंपनी इफको टोक्यो जनरल इंश्योरेंस कंपनी को पत्र भेजा गया है, जिसके जरिये जिन गांवों में 50 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है, वहां के किसानों को तत्काल 25 प्रतिशत बीमा क्लेम का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे में सदर तहसील के 28 और मऊरानीपुर तहसील के 37 गांवों में फसलों को 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है।

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फोटो

दैवी आपदा से प्रभावित हुए किसानों का राहत पोर्टल पर डाटा फीडिंग का काम तेजी से जारी है। संबंधित गांवों के पंचायत भवनों में लेखपाल यह काम कर रहे हैं। डाटा फीडिंग के लिए किसान अपने आधार कार्ड और बैंक की पासबुक लेखपालों को उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें जल्द मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके। – वरुण कुमार पांडेय, अपर जिलाधिकारी

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आज आएगी बीमा कंपनी की टीम

झांसी। गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने शासन के अपर मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी से बात कर दैवी आपदा पीड़ित किसानों की व्यथा बताई। उन्होंने बताया कि गेहूं, चना, सरसों के साथ-साथ मटर व मसूर को भी खासा नुकसान पहुंचा है। इसकी बीमा कंपनी से किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए। विधायक ने बताया कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर बृहस्पतिवार को बीमा कंपनी की टीम झांसी आएगी, जो यहां प्रभावित गांवों में जाकर फसलों को हुई क्षति का आकलन करेगी। ब्यूरो



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