69000 teacher recruitment: Hearing could not be held in Supreme Court even today, now hope in the first week o

69000 शिक्षक भर्ती
– फोटो : अमर उजाला।

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 69000 शिक्षक भर्ती में बृहस्पतिवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। इससे आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी है। इस मामले की अब जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई प्रस्तावित है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि पिछले कई बार से तारीख लग रही है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। इससे अभ्यर्थियों में काफी निराशा है। उम्मीद है कि जल्द हमें न्याय मिलेगा।

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विधान परिषद में तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण पर तकरार

 विधान परिषद में अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में शेष बचे 900 तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर बृहस्पतिवार को तीखी तकरार हुई। निर्दल समूह के साथ ही अन्य विधायकों ने भी इन शिक्षकों के नियमितीकरण व वेतन दिए जाने की मांग उठाई। यह मामला एमएलसी डॉ. आकाश अग्रवाल, राजबहादुर सिंह चंदेल व ध्रुव त्रिपाठी ने उठाया। इसके जवाब में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि तदर्थ शिक्षकों को सेवा में रखने व वेतन देने का दायित्व प्रबंधतंत्र का है। अर्हता पूरी करने वाले शिक्षकों का समायोजन किया गया है और अर्हता पूरी न करने वालों के मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की गई थी। इससे असंतुष्ट ध्रुव त्रिपाठी ने अधिष्ठाता से निर्देश देने की मांग की। एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने इन शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए कैबिनेट को प्रस्ताव भेजने की मांग की। इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा, सुरक्षा व चिकित्सा के प्रति गंभीर है। पिछली सरकारों में शिक्षकों की क्या स्थिति थी सभी जानते हैं। मैं जो भी कह रही हूं, प्रमाण पर बात कर रही हूं। मामला बढ़ता देख नेता सदन केशव मौर्य ने इस मामले में बैठक कर रास्ता निकालने का आश्वासन दिया।

माध्यमिक के विषय विशेषज्ञों को पुरानी पेंशन पर होगा विचार

 प्रदेश के सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 से नियुक्त आमेलित विषय विशेषज्ञों को पुरानी पेंशन दिए जाने पर सरकार विचार करेगी। विधान परिषद में बृहस्पतिवार को यह मामला उठाने पर नेता सदन केशव मौर्य ने यह आश्वासन दिया। एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी ने मामला उठाते हुए कहा कि 28 मार्च 2005 के पूर्व के सरकारी सेवक, जिनके चयन का विज्ञापन हो चुका है। उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए विकल्प पत्र की व्यवस्था की गई है। इसमें माध्यमिक के एडेड विद्यालयों के लगभग 1500 विषय विशेषज्ञों को यह लाभ देने में मनमानी कर रहे हैं। वह शासनादेश का उल्लंघन भी कर रहे हैं।

उन्होंने विषय विशेषज्ञों को भी शासनादेश के अनुसार पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग की। इस पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था के अनुसार विषय विशेषज्ञ मानदेय पर 11 महीने के लिए नियुक्त होते हैं। गर्मी की छुट्टियों में उन्हें कार्यमुक्त किया जाएगा। हालांकि बाद में खाली पदों के सापेक्ष उन्हें आमेलित किया गया। इस पर एमएलसी राजबहादुर चंदेल व उमेश द्विवेदी ने कहा कि उन्हें नियमानुसार विज्ञापन जारी कर नियमित किया गया है। इन्हें पूरा वेतन मिला है। ऐसे में इन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। इस पर नेता सदन केशव मौर्य ने इस पर बैठक कर विचार करने का आश्वासन दिया।

 



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