रायबरेली। कोलकाता में हुई घटना को देखते हुए कड़ा कदम उठाया गया है। सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा में रिटायर्ड फौजियों को लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए बुधवार को सीएमओ और सैनिक कल्याण बोर्ड के एडीएम (ऑपरेशन) ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए। 15 सितंबर तक सीएमओ को 71 रिटायर्ड जवान मिलने की उम्मीद है।

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जिला अस्पताल और ग्रामीण क्षेत्रों की सीएचसी में आए दिन अप्रिय घटनाएं हो रही हैं। सुरक्षा के बंदोबस्त न होने के कारण चिकित्सकों व अन्य स्टाफ असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर की हत्या के बाद देशभर में आक्रोश है। अस्पतालों में डॉक्टरों व स्टाफ की सुरक्षा को देखते हुए रिटायर्ड सैनिकों को सुरक्षा की जिम्मेदारी देने के आदेश दिए गए हैं।

सीएमओ को पहले चरण में 71 जवान मिलेंगे। इसके लिए बुधवार को सीएमओ और सैनिक कल्याण बोर्ड के एडीएम (ऑपरेशन) ने अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उम्मीद है कि 15 सितंबर तक स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों की सुरक्षा के लिए जवान मिल जाएंगे। रिटायर्ड सैनिकों की तैनाती के बाद अस्पतालों में अप्रिय घटनाओं को रोका जा सकेगा।

जिला अस्पतालों व सभी एफआरयू में होगी तैनाती

पहले चरण में जिला महिला और पुरुष अस्पतालों के साथ ही सभी एफआरयू (फस्ट रेफरल यूनिट) में जवानों को तैनात किया गया है। एफआरयू बछरावां, लालगंज, सलोन, ऊंचाहार, डलमऊ में इन जवानों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाएगी। सभी एफआरयू में पांच-पांच जवान तैनात किए जाएंगे। दोनों जिला अस्पताल में संख्या ज्यादा रखी गई है।

सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी ने 71 जवान सुरक्षा के लिए मुहैया कराने के लिए अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। 15 सितंबर तक जवान मिलने की उम्मीद है। पहले चरण में जिला महिला व पुरुष अस्पताल के साथ सभी एफआरयू में जवानों को तैनात किया जाएगा।

– डॉ. वीरेंद्र सिंह, सीएमओ



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