अमर उजाला ब्यूरो

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झांसी। जनपद में मौजूद चार टोल प्लाजा से रोजाना करीब 73 लाख रुपये की मोटी आमदनी होती है लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई इनके रखरखाव की ओर कोई ध्यान नहीं देता। नतीजतन हाईवे में जगह-जगह गड्ढे बन गए। अन्ना जानवरों ने भी यहां अपना ठिकाना बना लिया। इससे रोजाना हादसे हो रहे हैं। पिछले एक माह के दौरान हाईवे पर 19 लोग हादसे में अपनी जान गवां चुके हैं।

झांसी के चारों ओर हाईवे का जाल बिछा है। झांसी-ग्वालियर हाईवे, झांसी-कानपुर हाईवे, झांसी-शिवपुरी हाईवे, झांसी-खजुराहो हाईवे से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। एनएचएआई के मुताबिक, झांसी-कानपुर हाईवे (एनएच-27) से रोजाना 10-15 हजार वाहन गुजरते हैं। रोजाना करीब 20 लाख रुपये का टोल वसूला जाता है। झांसी-ललितपुर हाईवे (एनएच-44) से रोजाना करीब 25 लाख रुपये वसूले जाते हैं। झांसी-खुजराहो हाईवे एनएच-39 पर रोजाना करीब 5000 से अधिक वाहनों की आवाजाही होती है। यहां से भी रोजाना करीब 8 लाख रुपये टोल टैक्स के तौर पर वसूले जाते हैं।

झांसी-शिवपुरी हाईवे एनएच-27 से रोजाना करीब 8-10 हजार वाहन गुजरते हैं। इससे भी करीब 20 लाख वसूल होते हैं लेकिन यह सभी हाईवे बदहाल हैं। हाईवे पर सफर को सुरक्षित रखने के इंतजाम नहीं है। हाईवे पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्डे हैं। रफ्तार में होने पर वाहन अक्सर पलट जाते हैं। अन्ना जानवरों ने भी हाईवे को अड्डा बना रखा है। रोजाना इनकी वजह से हादसे हो रहे हैं।

इनसेट

70 किलोमीटर के बीच महज एक एंबुलेंस और एक डॉक्टर

झांसी-खजुराहो हाईवे का टोल प्लाजा लुहारी में बना है। करीब सत्तर किलोमीटर तक रखरखाव का जिम्मा, इस टोल प्लाजा के पास है लेकिन, यहां सिर्फ एक एंबुलेंस है। 24 घंटे के लिए एक डॉक्टर तैनात है। ऐसे में यहां हादसा होने पर कितनी देर में एंबुलेंस पहुंचेगी, इसका अंदाजा आसानी से लग जाता है। दूसरे टोल प्लाजा का भी हाल ऐसा ही है। झांसी-शिवपुरी हाईवे भी करीब 75 किलोमीटर लंबा है। यहां महज दो एंबुलेंस हैं। झांसी-ललितपुर हाईवे और झांसी-ग्वालियर हाईवे पर बने टोल प्लाजा में भी हादसे के बाद एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती।

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जगह-जगह गड्डे से हो रहा हादसा

हाईवे पर जगह-जगह हुए गड्ढे भी हादसे की वजह बन रहे हैं। सुजवाहा तिराहे पर गड्ढो की वजह से अक्सर यहां वाहन पलट जाते हैं। इसी तरह झांसी-खजुराहो पर भी गड्ढे की वजह से अक्सर हादसे होते हैं।

वर्जन

न्यूनतम 50 किलोमीटर की दूरी पर एंबुलेंस तैनात करने का नियम है। इसके मुताबिक, एंबुलेंस तैनात हैं। टोल से जिनकी दूरी कम पड़ती है, उनको आपात स्थिति में भेजा जाता है। अन्ना जानवरों को हाईवे से दूर रखने के लिए अभियान चलाया जाता है। जल्द ही इसका असर भी दिखेगा। हादसों को भी रोकने की कवायद की जाती है। – सुनील कुमार जैन, परियोजना अधिकारी, एनएचएआई



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