
खरौली में अपने पिता के साथ भोजन करता जोगी बना युवक।
– फोटो : amar ujala
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22 साल बाद जोगी बनकर घर लौटे बेटे की वापसी के लिए पिता अब अपने खेत को गिरवी रखने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, भंडारा कराने के बाद ही जोगी बने युवक की घर वापसी होगी। इसके लिए तीन लाख 60 हजार रुपये की व्यवस्था करने में परिजन जुटे हुए हैं।
खरौली गांव के रतीपाल दिल्ली में काम करते हैं। वर्ष 2002 फरवरी में उनका बेटा पिंकू गायब हो गया। काफी खोजबीन के बाद भी उसकी तलाश नहीं की जा सकी। इसका मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। 27 जनवरी को सारांगी बजाते हुए जोगी के वेश में गांव पहुंचे युवक ने चाचा व गांव के अन्य लोगों से अपनी पहचान बताई। इसके बाद गांव वालों ने उसके पिता को मामले की जानकारी दी।
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जानकारी पाकर गांव पहुंचे रतीपाल ने बेटे से मुलाकात की। उसके पेट पर चोट का निशान देख उसकी पहचान पिंकू के तौर पर हुई। परिजनों ने उसकी घर वापसी के लिए काफी प्रयास किए। लेकिन, वह पिता से मिलने के बाद गांव से मिली भिक्षा को लेकर चला गया। उसके साथ बनी गांव निवासी संतोष सिंह भी जोगी के वेश में था। बताया जाता है कि वह भी सात सात पहले गायब हुआ था। अब उसके परिजन भी उससे संपर्क करने में लगे हुए हैं। चाचा फौजदार ने बताया कि फोटो से पहचान की गई है, घर वापसी के लिए प्रयास किया जा रहा है।
