A man commits suicide in BBD thana kshetra in Lucknow.

मामले की जांच में जुटी पुलिस
– फोटो : अमर उजाला

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दो दोस्तों को वीडियो कांफ्रेंस कॉल कर कपड़ा दुकानदार ने तमंचे से माथे पर सटाकर गोली मार ली। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना शुक्रवार दोपहर इंदिरा डैम के पास की है। दोस्तों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को घटना के बारे में बताया। पुलिस मृतक के मोबाइल को कब्जे में ले लिया है। वहीं परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है।

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बिहार के गोपालगंज निवासी बृजेश पाठक परिवार संग सरोजनीनगर के गेहरू गांव में रहते हैं। उनके इकलौते बेटे अंकित (25) की सरोजनीनगर में पावर हाउस चौराहे के पास कपड़े की दुकान थी। शुक्रवार सुबह अंकित मां प्रतिमा से कपड़ा खरीदने की बात कहकर निकले थे। वह बाइक से बीबीडी स्थित इंदिरा डैम पहुुंचे। वहां दोस्तों समीर व राहुल को वीडियो कांफ्रेंस कॉल की। दोनों से घरवालों का ख्याल रखने और डैम पर जान देने की बात कहते हुए फोन काट दिया। दोस्तों ने फौरन पुलिस कंट्रोल रूम व अंकित के परिजनों को खबर दी।

कॉल काटने के बाद अंकित ने बैग से 315 बोर का तमंचा निकाला और माथे पर सटाकर गोली मार ली। गोली सिर के आरपार हो गई। फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे तो अंकित खून से लथपथ पड़ा था। पास में ही उनकी बाइक गिरी पड़ी थी। बैग उनके सीने पर रखा था। सूचना पर बीबीडी पुलिस भी पहुंच गई और परिजनों से संपर्क किया। फोरेंसिक टीम की छानबीन के बाद पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

पुलिस का कहना है कि अंकित ने आत्महत्या की है, पर इसकी वजह पता नहीं चल सकी है। तमंचे को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि परिजनों ने अंकित की हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

बाइक पर लिखा था मोक्ष क्या है

अंकित की बाइक पर सफेद अक्षरों का स्टीकर लगा था कि (मोक्ष क्या है? ना किसी को पाने की चाह ना किसी को खोने का डर…।।)। दोस्तों का कहना है कि अंकित का रुझान अध्यात्म की तरफ हो गया था।

चार माह बाद होनी थी शादी

अंकित के पिता बिजनौर जनपद में प्लाइवुड फैक्टरी में मैनेजर हैं। उनकी दो बेटियों नेहा व अंशु की शादी हो चुकी है। इकलौते बेटे की शादी चार माह बाद होनी थी। अंकित ने सालभर पहले ही दुकान खोली थी। हादसे की खबर पाकर पिता बृजेश, मां प्रतिमा और दोनों बहनों का रो-रोकर बुरा हाल था।



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