आगरा। पित्ताशय के कैंसर से जूझ रही 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला की उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल में जटिल सर्जरी कर जान बचाई गई। मरीज को गंभीर पीलिया, सेप्सिस और बहु-अंग विफलता (मल्टीपल ऑर्गेंन फेल्योर) के खतरे के साथ अस्पताल लाया गया था। इलाज के बाद मरीज अब ठीक है। इस तरह का यह आगरा मंडल का पहला केस है।

गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. अनिमेष गुप्ता ने बताया कि आगरा निवासी विमला को एक सप्ताह से पीलिया, पेट दर्द और मानसिक भ्रम था। अस्पताल आने पर उनकी सांस तेज थी, ब्लड प्रेशर कम था और वे सेप्टिक शॉक की स्थिति में पहुंच चुकी थीं। जांच में लीवर-किडनी खराब और गंभीर संक्रमण मिला।

मरीज को तुरंत ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक्स और दवाओं का सपोर्ट दिया गया। संक्रमण का स्रोत पित्त की नली में था, इसलिए उन्होंने तुरंत एक विशेष प्रक्रिया (ईआरसीपी) करके वहां एक स्टेंट डाली। इससे पित्त नली में जमा मवाद और संक्रमित मलबा तुरंत बाहर निकल आया जो सेप्सिस का कारण था। इलाज के बाद मरीज की हालत स्थिर हुई, किडनी काम करने लगी। बाद में वेंटिलेटर हटा दिया गया। मरीज अब स्वस्थ है।

उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल के एमडी डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। रेनबो आईवीएफ की एमडी बांझपन एक्सपर्ट डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने महिलाओं में बढ़ती बांझपन की समस्या पर प्रकाश डाला। जोनल हेड ने तेज सिंह और यूनिट हेड अभिषेक जैन ने सभी का स्वागत और धन्यवाद किया।



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