उत्तर प्रदेश में सरकार शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समावेशन की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राज्य के लगभग 2.96 लाख विशिष्ट आवश्यकता वाले (दिव्यांग) विद्यार्थियों के लिए यूनिसेफ के सहयोग से सुगम्य वर्कशीट का विकास और वितरण कराया जा रहा है। 

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यह वर्कशीट दिव्यांग बच्चों को भी शिक्षा में बराबरी का अधिकार देने की कवायद न केवल उनकी मूलभूत शैक्षिक दक्षताओं को मजबूत करेंगी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देंगी। 

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सरकार की यह पहल शिक्षा को केवल अधिकार नहीं, अनुभव और आत्मबल का माध्यम बना रही है। अब राज्य सरकार दिव्यांगता को बाधा नहीं, बल्कि एक विशेषता मानते हुए उचित संसाधनों और सहयोग के माध्यम से उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है। 

दिव्यांग बच्चे शिक्षा के हर स्तर पर बराबरी के हकदार बनें

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे, चाहे वह किसी भी सामाजिक, आर्थिक या शारीरिक परिस्थिति में क्यों न हो। सुगम्य वर्कशीट के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दिव्यांग बच्चे भी शिक्षा के हर स्तर पर बराबरी के हकदार बनें। 



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