Accident in IAS coaching center: The hopes of the entire family along with Shreya's are dashed

मंत्रियों और अधिकारियों ने परिवार को बंधाया ढांढ़स
– फोटो : अमर उजाला

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आईएएस की तैयारी कराने वाली नई दिल्ली की एक नामी कोचिंग के बेसमेंट में आए बारिश के पानी में डूबकर जिस छात्रा श्रेया यादव की मौत हुई वो सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र यादव की भतीजी थी और पूरे परिवार की लाडली थी। श्रेया के साथ ही उसके आईएएस बनने का सपना पूरे परिवार ने संजो रखा था। बारिश के पानी में सिर्फ श्रेया ही नहीं, पूरे परिवार की उम्मीदें व उनका सुनहरा सपना भी डूब गया। बिटिया की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है तो वहीं उसके हंसमुख व सरल व्यक्तित्व के चलते ग्रामीण भी गमगीन हैं।

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अकबरपुर तहसील क्षेत्र के हाशिमपुर बरसावां की रहने वाली श्रेया यादव ने सामान्य परिवार से होते हुए भी आईएएस बनने का सपना देखा था। वह इसे पूरे करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही थी। इसके लिए उसने नई दिल्ली के पुराने राजेंद्रनगर स्थित राव कोचिंग सेंटर में दाखिला ले रखा था। प्रतिदिन की तरह वह 27 जुलाई को भी कोचिंग गई थी। वहां बेसमेंट में वह भी अन्य छात्र-छात्राओं के साथ मौजूद थी, जहां बारिश का पानी आने के बाद दो छात्राओं व एक छात्र की जान चली गई। दुर्भाग्य से उनमें श्रेया भी शामिल थी। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने वाली श्रेया ने सुल्तानपुर के केएनआई से बीएससी व एमएससी की डिग्री हासिल की थी।

उसका सपना सिविल सर्विस की तैयारी कर आईएएस बनने का था। वह मेधावी थी, इसलिए परिवार ने भी यह सपना बुन रखा था कि श्रेया जल्द ही आईएएस बनकर परिवार का नाम रोशन करेगी। लाडली बिटिया को इसमें कोई गतिरोध न हो इसलिए पूरा परिवार साथ खड़ा था। श्रेया को उसका लक्ष्य पूरा कराने के लिए परिवार ने बीते अप्रैल माह में उसका दाखिला दिल्ली की प्रतिष्ठित राव कोचिंग सेंटर में करा दिया था। वहां वह अपने व परिवार के सपनों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही थी कि एक झटके में सब कुछ खत्म हो गया।

लखनऊ में साथ रहकर पढ़ने वाले थे तीनों भाई-बहन

श्रेया तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थी। बड़े भाई अभिषेक ने केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा से मास कम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री हासिल कर रखी है, वह इन दिनों घर पर ही हैं। तीसरा व छोटा भाई अवनीश स्थानीय शिवजी कुशलावती इंटर कॉलेज पलई कल्याणपुर में कक्षा सात का छात्र है। बड़े भाई अभिषेक ने रुंधे गले से कहा कि इसी वर्ष के अंत में हम तीनों भाई बहन फिर से एक साथ रहकर पढ़ाई करने वाले थे। मेरी बहन दिल्ली के माहौल व वहां की कोचिंग से संतुष्ट नहीं थी। दिल्ली की कोचिंग पूरी कर वैकल्पिक विषय की कोचिंग के लिए श्रेया से लखनऊ में रहने की बात हुई थी। मुझे भी आगे की डिग्री के लिए लखनऊ जाना था। छोटे भाई को भी लेकर हम सब वहीं रहते। एक बार फिर से तीनों भाई बहन साथ रहते और लखनऊ में आगे की तैयारी करते। भावुक होते हुए अभिषेक ने कहा कि नियति को शायद यह मंजूर नहीं था।

आईएएस बनकर आने के बजाय पहुंचा बेटी का शव

हाशिमपुर बरसावां गांव निवासी डेयरी संचालक राजेंद्र यादव व उनकी पत्नी शांति ने अपनी पुत्री श्रेया के आईएएस बनकर नाम रोशन करने का सपना पाला था। उनका मानना था कि लाडली बेटी श्रेया एक दिन गांव में आईएएस बनकर आएगी। उसमें जैसा आत्मविश्वास व मेधा थी, उससे यह सपना और मजबूत होता दिख रहा था। बेटी इस दिशा में आगे बढ़े, इसलिए परिवार ने कोई आर्थिक दिक्कत नहीं होने दी। पिता राजेंद्र कहते हैं कि सुल्तानपुर के केएनआई में डिग्री हासिल करने के दौरान वह हॉस्टल में एक अन्य लड़की के साथ रहती थी। वहां उसे पढ़ाई में असुविधा होती थी। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए जब उसे दिल्ली भेजा गया तो सुविधा युक्त एक कमरा साढ़े 13 हजार प्रतिमाह में दिलाया गया। इसमें बिजली बिल व खाने का खर्च अलग से था। पिता ने रोते हुए कहा कि बिटिया को आईएएस बनाने के लिए ही एक लाख 65 हजार रुपये कोचिंग में पढ़ाई के लिए जमा कराए थे। अब अचानक दिल्ली में हुए हादसे के बाद जिस श्रेया के आईएएस बनकर गांव में आने की उम्मीद परिवार को थी, उस लाडली का शव रविवार दोपहर बाद यहां पहुंचा। इससे पूरे परिवार में चीत्कार मच गया।

बाबा के निधन पर आई थी श्रेया

बीते अप्रैल माह में दिल्ली की कोचिंग में प्रवेश लेने वाली श्रेया के बाबा का बीते माह निधन हो गया था। वह इस मौके पर गांव आई थी। बाबा के अंतिम कार्यक्रम में हिस्सा लेने के साथ ही पूरे परिवार ने एक साथ फोटो भी खिंचाई थी। यह फोटो देख देख परिवार के सदस्य दहाड़ मार रहे थे। वे सब कह रहे थे कि अभी जून में ही तो वह बाबा के निधन पर आई थी। क्या पता था कि अब उसके निधन की खबर आ जाएगी।

योगी के निर्देश पर गांव पहुंचे दो मंत्री

जिले के प्रभारी मंत्री गिरीश चंद्र यादव तथा खाद एवं रसद मंत्री सतीश शर्मा रविवार देर शाम जिला मुख्यालय पहुंचे। यहां से दोनों मंत्री सीधे हासिमपुर बरसावां गांव गए। वहां छात्र श्रेया के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वे सब यहां आए हैं। सीएम इस घटना से बेहद दुखी हैं। मंत्रियों ने परिजनों को आर्थिक मदद का चेक सौंपा और हर संभव मदद का भरोसा भी दिया। इस मौके पर बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ मिथिलेश त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष विमलेंद्र प्रताप सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह के साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी मौजूद रहे।

रोज आता था फोन, शनिवार को मिला बंद

सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही श्रेया प्रतिदिन शाम को कोचिंग से आने के बाद परिवार को फोन करती थी। एक दिन पहले शुक्रवार की शाम उसने अपनी मां को फोन कर बात की थी। भाई अभिषेक ने बताया कि उसने भी बहन का हालचाल लिया था, सबकुछ ठीक था। वह सुबह से शाम तक पढ़ाई में व्यस्त रहती थी। रोज शाम को ही बात हो पाती थी। शनिवार को हादसा हो जाने के बाद नोएडा में रहने वाले सगे चाचा सपा राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र यादव ने मुझे फोन कर पूछा कि श्रेया से बात हुई या नहीं। उन्होंने इससे पहले टीवी पर खबर सुनकर श्रेया के मोबाइल नंबर पर फोन किया तो वह बंद था। उनकी जानकारी के बाद हम सब भी वहां के हालात को लेकर परेशान रहे लेकिन कुछ सही जानकारी नहीं मिल पा रही थी। शनिवार को श्रेया से बात नहीं हो पाने से पूरे परिवार की चिंता बढ़ गई थी।

चाचा ने लगाए गंभीर आरोप

नोएडा में रहने वाले श्रेया के सगे चाचा धर्मेंद्र यादव ने प्रशासन व कोचिंग संस्थान पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि शनिवार देर शाम घटना की जानकारी होने पर जब मैं कोचिंग संस्थान पहुंचा तो वहां कोई जानकारी नहीं दी गई। प्रशासन की तरफ से भी तत्परता बरतते हुए सूचना नहीं दी गई। इसके बाद मैं राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचा, वहां श्रेया का चेहरा तो नहीं दिखाया गया लेकिन मौत वाले विवरण में श्रेया का नाम दर्ज होना बताया गया। इस बीच धर्मेंद्र की मौजूदगी में शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया। रविवार को पोस्टमाॅर्टम के बाद धर्मेंद्र ही शव लेकर दिल्ली से अकबरपुर के लिए रवाना हुए।

अधिकारियों ने परिवार को बंधाया ढांढ़स

श्रेया की मौत होने की खबर मिलते ही एसडीएम सदर सौरभ शुक्ल रविवार सुबह साढ़े दस बजे करीब हाशिमपुर बरसावां गांव पहुंचे, वहां एसडीएम ने श्रेया के दोनों भाइयों व अन्य परिजनों को ढांढ़स बंधाया। वे वहां तब तक रहे जब तक श्रेया के पिता राजेंद्र डेयरी से वापस नहीं लौटे। डीएम अविनाश सिंह, एसपी डॉ. कौस्तुभ व जिला पंचायत अध्यक्ष साधू वर्मा भी गांव पहुंचे। डीएम ने परिवार को हिम्मत से काम लेने की सलाह दी। कहा कि जो भी जरूरी मदद होगी वह की जाएगी।



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