गैस एजेंसी का डीलर बनाने के नाम पर 13 राज्यों के 24 से अधिक लोगों से 6.60 करोड़ रुपये ठगने वाले को जमानत मिल गई। उस पर फर्जी जमानतदार लगाने का आरोप है। पीड़ित की शिकायत और मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट के आदेश पर थाना न्यू आगरा पुलिस ने न्याय बाबू सहित 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

एत्माउद्दौला थाना क्षेत्र के फाउंड्रीनगर निवासी महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था। आरोप लगाया कि लखनऊ के इंदिरा नगर, मयूर विहार निवासी विजय कुमार वर्मा, उसकी पत्नी प्रीती, राकेश कुमार वर्मा और पवन कुमार वर्मा ने एक प्राची प्राइवेट लिमिटेड नाम से फर्जी गैस एजेंसी बनाई थी।

आरोपियों ने 13 राज्यों में अपने डीलर बनाए और सभी से 30 से 40 लाख रुपये सिक्योरिटी के रूप में जमा कराए थे। 4-4 लाख रुपये सिलिंडरों के नाम पर लिए थे। इस तरह दर्जनों लोगों से 6.60 करोड़ रुपये जमा कराए। मुरैना स्थित गोदाम सिलिंडर बेचने के बाद कंपनी बंद कर दी गई। इसके बाद आरोपी लापता हो गए।

वर्ष 2016 में थाना खंदौली में उन्होंने केस दर्ज कराया। तब पुलिस ने आरोपी विजय कुमार वर्मा को जेल भेजा था। 2020 में आरोपी ने हाईकोर्ट से जमानत ले ली। कोर्ट में फर्जी दस्तावेज और जमानतदार पेश कर किए। शक होने पर उन्होंने आरटीआई में जवाब मांगा। तब पता चला कि जमानतदार रूप सिंह और सूरजपाल ने जो पुलिस और तहसील रिपोर्टें दी थीं वह फर्जी थीं। इसके बाद उन्होंने मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया। आदेश होने पर न्यू आगरा थाने में केस दर्ज किया गया है।

 



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