मेडिकल कॉलेज में हुई आउटसोर्स भर्ती में रिश्वतखोरी का आरोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक कर्मचारी ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, उनके चालक समेत तीन पर धोखाधड़ी और धमकाने का आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप है कि 1.70 लाख रुपये लेने के बावजूद बेटे को नौकरी नहीं दी। पैसे मांगने पर अभद्रता और धमकी दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है।
रूरा निवासी संजय दीक्षित ने अकबरपुर थाने में दी तहरीर में बताया है कि वह जिला अस्पताल में शव वाहन चालक के पद पर तैनात हैं। मेडिकल कॉलेज में कई पदों पर आउटसोर्स के तहत भर्ती निकाली गई थी। उन्होंने अपने बेटे कपिल का पैंथर कंपनी में ऑनलाइन फार्म भरकर रसीद ली थी। इसके बाद वह बेटे की नौकरी के बारे में जानकारी करने के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सज्जन लाल वर्मा के पास गए। प्राचार्य ने उन्हें अपने निजी चालक अनूप कुमार व कुलदीप निवासी सिल्हौला से मिलने के लिए कहा।
जब वह अनूप और कुलदीप से मिले तो उन्होंने दो लाख रुपये की मांग की। असमर्थता जताने पर दोनों ने बाद में रुपये वापस देने का आश्वासन दिया। दोबारा प्राचार्य से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि जैसा कुलदीप व अनूप कह रहे हैं वैसा ही करो। इसके बाद उन्होंने तीन से 12 अप्रैल के बीच तीन बार में एक लाख 70 हजार रुपये दोनों को दिए।
संजय का कहना है कि भर्ती को लेकर 15 अप्रैल को साक्षात्कार हुआ, लेकिन उनके बेटे का नाम नहीं आया। इस पर वह प्राचार्य के पास गए और कहा कि रुपये भी ले लिए और बेटे की नौकरी भी नहीं लगी। संजय ने रुपये लौटाने की बात कही। तभी वहां मौजूद कुलदीप व अनूप ने उनके साथ अभद्रता कर जान से मारने की धमकी दी।
अकबरपुर थाने के अध्यक्ष सतीश सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सज्जन लाल वर्मा, अनूप व कुलदीप पर धोखाधड़ी, विश्वासघात, अभद्रता करने व धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
भर्ती प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ हुई है। किसने किसको रुपये दिए मुझे जानकारी नहीं है। मेरे ऊपर लगे आरोप निराधार हैं। मामले की जांच में सत्यता स्वयं सामने आ जाएगी। – डॉ. सज्जन लाल वर्मा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज