अधिकारियों के खिलाफ बिना साक्ष्य आरोप लगाकर की जाने वाली शिकायतों की जांच के लिए डीएम ने समिति गठित कर दी है। तीन सदस्यीय समिति को एक माह में जांच कर रिपोर्ट देनी है। डीएम अनुज सिंह ने तीन सदस्यीय समिति में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, पुलिस अधीक्षक अपराध और उपाधीक्षक मुख्य डाकघर को शामिल किया है।

अनुज सिंह के अनुसार जनपद में तैनात कई अधिकारियों ने जानकारी दी है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा उनके ऊपर बिना किसी साक्ष्य के आरोप लगाए जाते हैं। कई बार ये आरोप व्यक्तिगत प्रकृति के होते हैं। इसके माध्यम से इन व्यक्तियों द्वारा अधिकारियों पर अनुचित कार्य करने का दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

इससे शासकीय कार्य करने में कठिनाई हो रही है। डीएम ने कहा कि शिकायती पत्रों का पत्राचार करने वाले व्यक्तियों के एक संगठित गिरोह का सदस्य होने और अधिकारियों से अवैध वसूली की घटनाओं में वृद्धि होने की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है।

इन व्यक्तियों द्वारा अज्ञात नाम, अन्य व्यक्तियों (उनकी जानकारी के बिना) के नाम से स्पीड पोस्ट-पंजीकृत डाक से शिकायत को अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भेजा जात है। इसलिए इन शिकायतों की जांच कर इनको चिह्नित करने की आवश्यकता है।

ताकि इस पर अंकुश लगाया जा सके। डीएम अनुज सिंह ने डाकघर एवं उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज लेकर गहनता से जांच कर गिरोह को चिह्नित करने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक माह में यह जांच पूरी करनी है।



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