झांसी। बुंदेलखंड जल मंच की बैठक हुई, जिसमें बुंदेलखंड में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गई। साथ ही क्षेत्र की अन्य समस्याओं पर भी चर्चा हुई। इस दरम्यान तय हुआ कि बुंदेलखंड की विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए आगामी पांच सालों के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी।

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एक होटल में हुई बैठक में जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि क्षेत्र में बेरोजगारी, अतिवृष्टि, पलायन और सामाजिक-आर्थिक विपन्नता जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। इस दौरान उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए बुंदेलखंड की सभी संस्थाओं को एकजुट होकर आगे आने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि बुंदेलखंड के विकास की रूपरेखा तय करते हुए आगामी पांच सालों के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी। देश और प्रदेश की सरकारों को भी यहां की समस्याओं की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान मार्गश्री संस्था के निदेशक ध्रुव सिंह यादव ने स्वशासन की प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात कही। वरिष्ठ समाजसेवी अमित त्रिपाठी ने कहा कि जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ठोस और प्रभावी कार्य के लिए एक सशक्त फोरम का गठन किया जाना चाहिए। बुंदेलखंड अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर डा. अभय प्रताप वर्मा ने बुंदेलखंड के जल संकट के समाधान पर चर्चा की।



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