संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। राज्य कर विभाग की जांच में दो फर्जी फर्में पकड़ी गईं। इनमें एक फर्म का पंजीयन तो चौंकाने वाला था। फर्म का पता प्रयागराज दिखाया गया। कारोबार उल्दन में हो रहा था। इतना ही नहीं, किरायेनामे में गवाह दिल्ली का और शपथ पत्र गाजियाबाद में कराया गया था। मोबाइल नंबर भी फर्जी था। सीजीएसटी में पंजीकृत इस फर्म ने 1.39 करोड़ की टैक्स चोरी कर डाली। दोनों फर्मों को निरस्त करने के लिए सीजीएसटी को पत्र लिखा गया है।
कारोबारी फर्जी कंपनियों के नाम पर भी व्यापार कर रहे हैं। इसमें बड़े पैमाने पर फर्जी आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) क्लेम भी लिए जा रहे हैं। संदेह के घेरे में आने पर राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त ग्रेड-1 डीके सचान ने जांच की तो फर्जीवाड़ा सामने आया।
उन्होंने बताया कि रेडिमेड कपड़े का कारोबार के लिए विजय ट्रेडर्स के नाम से मई 2025 में फर्म का पंजीयन सेंट्रल जीएसटी में कराया गया। पंजीयन में जो कागजात दिए गए, उसमें जालसाजी की गई। पंजीयन में आधार और पैन कार्ड प्रयागराज का तो फर्म का संचालन बिजली के बिल में उल्दन होना दिखाया गया। इस फर्म के जरिए जालसाज ने करोड़ों का माल बेच दिया। खरीद के सापेक्ष बिक्री अधिक पाई गई। संदेह होने पर मामले की जांच की गई तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। मौके पर सत्यापन किया गया तो फर्म का कुछ भी अता-पता नहीं था।
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फर्जी फर्म के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में दो मामले पकड़ में आए हैं। इनके जीएसटी पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई के साथ रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी। – डीके सचान, अपर आयुक्त, राज्य कर विभाग, झांसी जोन