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– कमीशन के खेल में एजेंटों के भरोसे बिना पंजीकरण भी चल रहीं कई पैथोलॉजी अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। जिले में कमीशन के चक्कर में कई पैथोलॉजी केंद्रों का धंधा खूब फल-फूल रहा है। मनमानी दरों पर केंद्र मरीजों की जांच करते हैं। इसके लिए शहर से लेकर गांव तक केंद्रों के एजेंट भी सक्रिय हैं। इन्हीं एजेंटों के भरोसे खासकर बिना पंजीकरण भी कई पैथोलॉजी चल रही हैं।
महानगर में स्वास्थ्य विभाग में भले ही 80 पैथोलॉजी केंद्र पंजीकृत हों। मगर जनपद में खुले पैथोलॉजी केंद्रों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। हाल ये है कि गलियों-गलियों में पैथोलॉजी केंद्रों के कलेक्शन सेंटर खुले हुए हैं। इनमें से कई तो सेंटर तो उन पैथोलॉजी के हैं, जिनका पंजीकरण तक स्वास्थ्य विभाग में नहीं हैं। चंद घंटों में ही ये जांच रिपोर्ट मरीज को सौंप देते हैं।
जानकारों की मानें तो अनाधिकृत रूप से झांसी में चल रहीं पैथोलॉजी केंद्रों में अधिकतर की रिपोर्ट सामान्य ही आती है। ये केंद्र मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बताया गया 20 से 30 फीसदी तक ये केंद्र अपने एजेंटों को जांच का कमीशन देते हैं। ये कमीशन मरीजों से ही वसूला जाता है। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत पैथोलॉजी केंद्रों की भी जांच दरों में काफी अंतर है। चूंकि, जनपद में एक ही डॉक्टर के नाम पर सात से आठ पैथोलॉजी केंद्र चल रहे हैं। ऐसे में हर केंद्र पर पैथोलॉजिस्ट उपस्थित नहीं रह पाता है। बताया गया कि हर पैथोलॉजी सेंटर पर पैथोलॉजिस्ट के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। ऐसे में पैथोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति में प्रिंटेड या फर्जी हस्तक्षर कर मरीजों को रिपोर्ट दी जाती है। केंद्र पर जो टेक्नीशियन जांच कर देता है, उसकी पड़ताल तक करने वाला कोई नहीं होता है।
लगातार की जा रही है कार्रवाई : सीएमओ
सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने बताया कि बिना पंजीकरण चल रहीं पैथोलॉजी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब तक पांच-छह ऐसी पैथोलॉजी के खिलाफ शिकायत मिलने पर कार्रवाई हुई है। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि जिस भी पैथोलॉजी केंद्र में जांच कराने जाएं, उनसे पंजीकरण के बारे में पूछें। पंजीकृत पैथोलॉजी में ही जांच कराएं। कहा कि वह जल्द ही सभी पैथोलॉजी केंद्रों के संचालकों के साथ बैठक करेंगे। सभी से जांच की दरों की सूची भी केंद्र पर लगाने के लिए कहेंगे। ये भी कहेंगे कि दरें भी तय करके एकरूपता लाएं।