Police arrested Jitendra Pal of awagarh royal family for cheating

जितेंद्र पाल
– फोटो : अमर उजाला

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राजा बलवंत सिंह एजुकेशनल सोसाइटी का फर्जी तरीके से उपाध्यक्ष बनने के आरोपी जितेंद्र पाल सिंह को थाना न्यू आगरा पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी अवागढ़ किले से की गई है। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।

बलवंत सिंह एजुकेशनल सोसाइटी के पदाधिकारी युवराज अंबरीश पाल सिंह ने अगस्त 2022 में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) आगरा जोन को प्रार्थनापत्र दिया था। एडीजी के निर्देश पर न्यू आगरा थाने में जनवरी 2023 में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। अंबरीश पाल सिंह की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक बलवंत एजुकेशनल सोसाइटी खंदारी, सोसाइटी पंजीकरण एक्ट के तहत पंजीकृत संस्था है।

सोसाइटी की ओर से आरबीएस डिग्री कॉलेज, आरबीएस इंटर कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज समेत कई शिक्षण संस्थान संचालित किए जाते हैं। बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में जिला जज पदेन अध्यक्ष हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य आरबीएस कॉलेज, राजा अवागढ़ पदेन उपाध्यक्ष हैं। सोसाइटी में मार्च 1981 से अनिरुद्ध पाल सिंह पदेन उपाध्यक्ष के रूप में चयनित चले आ रहे हैं।

संस्था में परिवार के एक अन्य सदस्य जितेंद्र पाल सिंह की ओर से दावा किया गया कि पदेन अध्यक्ष जिला जज ने अगस्त 2011 में उन्हें उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। जितेंद्र पाल सिंह के दावे की जांच हुई। इसमें सामने आया कि जितेंद्र पाल सिंह ने 27 अगस्त 2011 में उपाध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए प्रत्यावेदन अध्यक्ष को प्रस्तुत किया था। पदेन अध्यक्ष ने पत्र के निस्तारण के लिए 30 अगस्त 2011, इसके बाद छह सितंबर 2011 की तिथि नियत की थी।

रिपोर्ट में आरोप लगाया कि जितेंद्र पाल सिंह ने उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति का 30 अगस्त 2011 का पदेन अध्यक्ष का फर्जी और कूटरचित आदेश प्रस्तुत किया। इसमें उपाध्यक्ष पद पर अपनी नियुक्ति दर्शाई। थानाध्यक्ष न्यू आगरा राजीव कुमार ने बताया कि विवेचना में पाया गया कि आरोपी जितेंद्र पाल सिंह फर्जी हस्ताक्षर से नियुक्ति पत्र के आधार पर 9 माह तक बलवंत सिंह एजुकेशनल सोसाइटी में पद पर बने रहे। पुलिस ने साक्ष्य संकलन के बाद कार्रवाई करते हुए अवागढ़ किले में दबिश देकर आरोपी जितेंद्र पाल सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।



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