Why Keetham forest was not increased NGT asked for answer Hearing will be held on 6 November

सूर सरोवर पक्षी विहार का नक्शा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार का दायरा 403 हेक्टेयर से बढ़ाकर 800 हेक्टेयर करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की तामील एक साल बाद भी नहीं हो सकी है। न्यायालय के आदेशों की अवमानना पर पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता और एएसजी सॉलिसिटर अंशुल गुप्ता की अपील पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में 6 नवंबर को प्रकरण की सुनवाई होगी।

बृहस्पतिवार को एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका संख्या 529/2023 पर सुनवाई की। जिसमें न्यायिक सदस्य जस्टिस शेओ कुमार सिंह, न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और एक्सपर्ट सदस्य डॉ. ए सेंथिल वेल की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर पर्यावरण मंत्रालय, वन विभाग और जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। प्रकरण में 6 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।

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ये था मामला

कीठम स्थित सूर सरोवर पक्षी विहार का दायरा 403 हेक्टेयर से बढ़ाकर 800 हेक्टेयर कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में पर्यावरणविद् डॉ. शरद गुप्ता ने 19 दिसंबर 2019 में याचिका दायर की थी। 18 फरवरी 2021 को कोर्ट ने सीईसी से रिपोर्ट मांगी। 25 नवंबर 2021 क कमेटी ने रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें सूर सरोवर पक्षी विहार के मौजूदा क्षेत्र में सूरदास रिजर्व फॉरेस्ट ब्लॉक के 380.558 हेक्टेयर और 15.514 हेक्टेयर राजकीय भूमि पर किए गए पौधरोपण वाली जगह को सैंक्चुअरी का हिस्सा बनाने की सिफारिश की गई। यही करीब 396 हेक्टेयर का हिस्सा बफर जोन की तरह इस्तेमाल हो रहा था। इस पर प्रशासनिक नियंत्रण भी राष्ट्रीय चंबल सैंक्चुअरी प्रोटेक्ट का था। कोर्ट ने अपने आदेश में दो महीने का समय आदेश की तालीम के लिए दिया था लेकिन एक साल बाद भी इसका नोटिफिकेशन तक जारी नहीं किया गया।

 



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