उप निबंधक कार्यालय ने 5 दिसंबर को पत्र जारी कर संस्था का पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई की थी। इसके बाद 8 दिसंबर को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने संबद्ध विद्यालयों को पत्र जारी कर सीबीएसई-डब्ल्यूएसओ की ओर से आयोजित या प्रचारित किसी भी खेल गतिविधि से दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए थे।
इस कार्रवाई के खिलाफ सीबीएसई-डब्ल्यूएसओ के सचिव ऋषि अवस्थी ने 11 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर 18 दिसंबर को सुनवाई हुई। इस दौरान फैसला सुनाया गया कि उप निबंधन कार्यालय की आरे से जिस व्यक्ति को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, वे सुरेश चंद्र शर्मा, संस्था के पूर्व सचिव थे, जिनका निधन वर्ष 2022 में हो चुका है।
साथ ही एड्रेस बदलने के पेपर भी लगाए गए थे। इसके बावजूद नोटिस पुराने पते पर ही भेजे गए। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने 5 दिसंबर को जारी आदेश को सेट असाइड कर दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि संस्था के वर्तमान सचिव को दो सप्ताह के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का अवसर दिया जाए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि निर्धारित अवधि में जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो प्रकरण को एक्स पार्टी मानते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी।
