युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल विभाग में तैनात पीआरडी जवान मानदेय पाने के लिए महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। जवानों का आरोप है कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से ड्यूटी की, लेकिन विभाग की लापरवाही के चलते उनका मेहनताना किसी अन्य व्यक्ति के खाते में भेज दिया गया। अब अधिकारियों और लिपिकों के बीच पीआरडी जवान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। सोमवार को सभी जवानों ने विकास भवन में हंगामा कर दिया। मौके पर पहुंचे उपनिदेशक वीसी श्रीवास्तव ने सभी से शिकायतें लेकर जांच के आदेश दिए हैं।

पीआरडी जवान भीमसेन, हरेंद्र सिंह, सतीश चंद, शिवपूजन, और अंबरीश ने बताया कि उन्होंने नियमानुसार ड्यूटी पूरी की है, जिसकी प्रविष्टि भी विभागीय पोर्टल पर मौजूद है। जब मानदेय उनके खाते में नहीं आया तो उन्होंने विभाग में जानकारी की। जांच कराने पर सामने आया कि मानदेय गलती से किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।

जवानों का आरोप है कि रकम वापस करवाने के नाम पर विभाग का एक बाबू उनसे दो-दो हजार रुपये खर्च के रूप में मांग रहा है। जवानों ने कहा कि वे मामूली मानदेय पर जोखिम भरी ड्यूटी करते हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार और लापरवाही उन्हें हताश कर रही है। विभाग में 454 जवान 500 रुपये प्रतिदिन के मानदेय पर तैनात है। इनमें से 312 विभागीय ड्यूटी और 142 गैर विभागीय ड्यूटी करते हैं।

केस 1- जवान शिवपूजन ने बताया कि उन्होंने अगस्त 2025 में कस्तूरबा गांधी कॉलेज पिनाहट और सितंबर 2025 में थाना पिनाहट में ड्यूटी की थी। उनका मानदेय नहीं आया तो उन्होंने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। बाद में पता चला कि उनका मेहनताना किसी अन्य के खाते में डाल दिया है।

केस 2- अंबरीश सिंह ने बताया कि उन्होंने नवंबर 2024, जुलाई और अगस्त 2025 में कस्तूरबा गांधी कॉलेज में ड्यूटी की थी। शिकायत करने पर बाबू ने बताया कि उनका मानदेय किसी अन्य के खाते में डाल दिया गया है। वापस करने पर खर्चा लगेगा।

 



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