आगरा में आवास विकास परिषद से आवंटित आवास का बकाया जमा कराने के नाम पर दो युवकों ने युवती से 6.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। उसे फर्जी रसीद और डिमांड ड्राफ्ट बनाकर दे दिया। पीड़िता ने एसीपी हरीपर्वत अक्षय महाडिक को साक्ष्य देकर शिकायत की। सिकंदरा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-11 की वर्षा चौधरी दिल्ली में नौकरी करती हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता के नाम सेक्टर-12 में आवंटित मकान का बकाया भुगतान करने और कागजी कार्रवाई के लिए वह 2 फरवरी 2025 को आवास विकास कार्यालय गई थीं। वहां उनकी मुलाकात रिहान उद्दीन और शमशाद नामक व्यक्तियों से हुई, जिन्होंने स्वयं को आवास विकास का ब्रोकर बताया।

आरोप है कि दोनों ने ओटीएस के माध्यम से बकाया रकम कम कराने का झांसा देकर विश्वास में लिया। कंप्यूटर से निकाली गई सूची दिखाकर बताया कि मकान पर करीब 11.50 लाख रुपये बकाया हैं और ओटीएस के तहत यह काम 6.50 लाख रुपये में हो जाएगा। मकान जब्त होने का डर दिखाकर आरोपियों ने अलग-अलग किस्तों में 1 लाख रुपये पेटीएम से, 4 लाख रुपये ब्याज पर लेकर नकद दिए। एक लाख की डीडी और कुछ रकम खाते में दी गई।

इसके बाद आरोपियों ने 4.63 लाख रुपये की फर्जी रसीद और ओटीएस स्लिप थमा दी। जब उन्होंने आवास विकास कार्यालय में रसीदें दिखाईं तो वे फर्जी पाई गईं। रुपये वापस मांगने पर आरोपियों ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता ने पुलिस को आरोपियों की ऑडियो रिकॉर्डिंग और चैट आदि डिजिटल साक्ष्य दिए हैं। एसीपी अक्षय महाडिक ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।



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