
Agra: शाही जामा मस्जिद में विवाद, नई कमेटी गठन के साथ दो पक्ष आमने-सामने
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उत्तर प्रदेश के आगरा में शाही जामा मस्जिद में लंबे समय तक इस्लामिया लोकल एजेंसी के चेयरमैन असलम कुरैशी इंतमाजिया कमेटी के अध्यक्ष रहे। इसके बाद मोहम्मद जाहिद कुरैशी ने इंतजामिया कमेटी की कमान संभाली। तभी से शहर मुफ्ती से उनका विवाद शुरू हो गया। इसके बाद नये शहर मुफ्ती के एलान से बकरीद पर माहौल खराब हो गया था। बाद में पुराने मुफ्ती ने ही नमाज अदा करवाई।
शाही जामा मस्जिद व उससे जुड़ी अन्य मस्जिदों की देखरेख का जिम्मा सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मोहम्मद जाहिद को सौंपा है। नई कमेटी बनने के साथ ही शहर मुफ्ती अब्दुल खुबैब रूमी से विवाद शुरू हो गया था। मोहम्मद जाहिद के विरुद्ध शहर मुफ्ती की ओर से थाना मंटोला में केस भी दर्ज कराया जा चुका है। इसके बाद जून में बकरीद से पहले इंतजामिया कमेटी ने नए शहर मुफ्ती के रूप में बुरहान की घोषणा की थी। इसका मुस्लिमों ने जबर्दस्त विरोध किया।
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उनका कहना था कि शहर मुफ्ती को हटाने का फैसला मजलिस ए शूरा ही कर सकती है। इसके बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप से बकरीद पर ईदगाह पर नमाज पुराने मुफ्ती ने अदा करवाई थी। अब नया विवाद शरीय मसलों को शाही मस्जिद में सुलझाने को लेकर पैदा हो गया है। केस दर्ज होने के बाद शहर मुफ्ती अब्दुल खुबैब रूमी का कहना है कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
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कहा कि मैं जामा मस्जिद में लोगों को दीन से संबंधित मामलों में सलाह देने गया था। पुलिस पहले से मौजूद थी। इसी दरम्यान शरीफ काले, हाजी पठान आदि ने वहां हंगामा किया, लोगों को भड़काया। अब हंगामा करने वालों ने ही मेरे खिलाफ केस लिखा दिया।
कमेटी तो पहले ही हटा चुकी
दूसरी ओर मोहम्मद जाहिद का कहना है कि कमेटी तो शहर मुफ्ती को छह माह पहले ही पद से हटा चुकी है। घटना वाले दिन भी उन्होंने अमन खराब करने की कोशिश की थी। इसकी इत्तला पुलिस को दी थी।