अमर उजाला ने इस मुद्दे को बुधवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया और बुधवार को ही कुलसचिव अजय मिश्रा ने आधिकारिक पत्र जारी किया। कुलसचिव ने बताया कि कुलपति प्रो. आशु रानी के आदेश पर सत्र 2025-26 से विधि संकाय के बीएएलएलबी, एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की गई है।

बोर्ड ऑफ स्टडी इन लॉ की बैठक में 11 मार्च को सेमेस्टर पद्धति अपनाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद 31 मार्च को प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया था। पाठ्यक्रम भी तैयार कर विश्वविद्यालय को भेज दिया गया लेकिन लिखित मंजूरी न होने से प्रक्रिया अटकी पड़ी थी। उधर, प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और छात्र और शिक्षकों को यह समझ नहीं आ रहा था कि पढ़ाई और परीक्षा किस प्रणाली से होगी। प्राचार्य प्रो. सीके गौतम ने भी विश्वविद्यालय से लिखित निर्देश की मांग दोहराई थी।

आदेश आने से दूर हुआ असमंजस

अब पाठ्यक्रम और पढ़ाई का प्रारूप स्पष्ट हो गया है। सेमेस्टर प्रणाली लागू होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और लॉ पाठ्यक्रम को एनईपी ढांचे में सम्मिलित करना भी आसान होगा। विधि संकाय के डॉ. गौरव कौशिक ने बताया कि छात्रों को पूरे वर्ष का पाठ्यक्रम एक साथ पढ़ना पड़ता था। अब वही पाठ्यक्रम दो चरणों में विभाजित होने से पढ़ाई अधिक सरल और सुगम हो जाएगी।

प्रो. रीता निगम ने बताया कि सेमेस्टर प्रणाली में निरंतर मूल्यांकन आंतरिक आकलन, असाइनमेंट और प्रोजेक्ट कार्य शामिल होंगे, जिससे छात्र पूरे सत्र में सक्रिय और संलग्न रहेंगे। विधि संकाय के प्रो. संजीव शर्मा ने बताया कि इस प्रणाली से छात्रों में लास्ट टाइम स्ट्रेस समाप्त होगा और विधि शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी।

 



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