अवैध धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छूटकर बेटियों के लौटने से माता-पिता खुश हैं लेकिन उनकी चिंता अभी कम नहीं हुई है। माता-पिता ने रविवार को आगरा कैंप कार्यालय पहुंचकर पुलिस आयुक्त से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बेटियां धर्मांतरण के गिरोह से मुक्त हो गईं, इसकी बेहद खुशी है।
पिता ने बताया कि बेटियों का इस कदर ब्रेनवॉश किया गया था कि वह अपने धर्म के बारे में बात करने को भी तैयार नहीं थीं। दोनों ने अपनी मां के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों पर भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। मगर, वह उन्हें इससे दूर रहने के लिए कहते थे।
मां ने बताया कि जम्मू कश्मीर निवासी साइमा उर्फ खुशबू उनकी बड़ी बेटी को इस्लाम से संबंधित साहित्य पढ़ने को देती थी। वीडियो भी मोबाइल पर भेजा करती थी। फरवरी 2021 में कश्मीर से जब उसे लेकर आए तो वह नमाज पढ़ने लगी थी।
इसके बाद जब भी साइमा कॉल करती थी, तो कई बार बेटी उनसे भी उसकी बात कराती थी। तब वह उनसे भी मुस्लिम साहित्य पढ़ने के लिए कहती थी। कई बार धर्म परिवर्तन करने के लिए भी कहा, तो उन्होंने इन्कार कर दिया।
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– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पूजा-पाठ करने पर करती थीं विरोध
इस पर बेटियां उनसे लड़ने लगती थीं। पूजा-पाठ करने पर विरोध करती थीं। मां ने बताया कि उन्होंने दोनों बेटियों को बहुत समझाया पर वह मानने को तैयार नहीं हुईं। बड़ी बेटी ने ही छोटी बेटी को बरगला दिया था। वह उस समय 16 साल की थी। बाद में दोनों साथ चली गईं।
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मेरी बेटियां वापस आ गईं, अब आप अपने बच्चों पर नजर रखें
मेरी बेटियां वापस आ गई हैं। अब आप अपने बच्चों पर नजर रखें। उनका ख्याल रखें। कामकाज में इतना व्यस्त न हो जाएं कि उनसे बात न करें। उन्हें शिक्षित करने के साथ ही धर्म के प्रति प्रतिबद्ध बनाएं। उन्हें अपने धर्म से संबंधित साहित्य उपलब्ध कराएं। हर दिन धर्म की अच्छाइयां साझा करते रहें। धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से छुड़ाई गईं सगी बहनों के पिता ने यह बातें मीडिया से बात करते हुए कहीं।
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उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को पढ़ाने के साथ अपने धर्म के प्रति भी पक्का करें। उन्हें धर्म से संबंधित अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराएं, जिससे वो अपने धर्म को जान सकें। उनकी अच्छी बातों को पढ़ सकें। उनका मन कहीं और न भटके। धर्म के प्रति बच्चों का ध्यान आकर्षित करते रहें।
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आगरा धर्मांतरण केस।
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इससे वह किसी और धर्म के प्रति आकर्षित नहीं होंगे। पिता ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए बच्चों को जागरूक करते रहें। उन्होंने चार साल में जो कुछ देखा है, वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। अब भी उन्हें बहुत कुछ करना है।