
आगरा नगर निगम
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आगरा नगर निगम में सजावटी नियॉन तितलियों के बाद अजब-गजब मामला सामने आया है। नगर निगम के निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने 6 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य शुरू करा दिए, जबकि टेंडर निकला ही नहीं। इनमें बिजलीघर चौराहे पर 60 लाख रुपये के निर्माण कार्य शामिल हैं, जबकि तीन गोशालाओं में 5 करोड़ रुपये के काम किए जा रहे हैं।
नगर निगम कार्यकारिणी के उपसभापति और पार्षद रवि बिहारी माथुर का आरोप है कि बिजलीघर चौराहे पर निर्माण विभाग के अभियंता आरके सिंह ने 60 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्य कराए हैं। नगर निगम के पैसे से जो निर्माण कराए गए, वह जगह छावनी परिषद और रक्षा संपदा विभाग की है। उन दोनों ने अपने-अपने बोर्ड भी उन जगहों पर लगा दिए हैं, जहां पार्किंग शुल्क भी छावनी परिषद ही वसूल रही है। जबकि इनके लिए टेंडर निकाले ही नहीं गए।
पार्षद राकेश जैन ने टेंडर के बिना 6 करोड़ रुपये के कार्यों की जांच की मांग की है। उन्होंने बताया कि तीन गोशालाओं नरायच, शाहदरा और सेवला में 5 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किए गए। यह बड़ी गड़बड़ी है। इसी तरह की गडबड़ियों को नगर निगम सदन में पार्षद हेमंत प्रजापति उठा चुके हैं।
उन्होंने एमबी यानी मेजरमेंट बुक के बिना ही फाइल चलाने पर आपत्ति जताई थी। पार्षद रवि माथुर के मुताबिक यह मामला बेहद गंभीर है और इसे वह नगर निगम के सदन में उठाएंगे। इस मामले में निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर बीएल गुप्ता ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अधिशासी अभियंता ही इस बारे में बता सकेंगे।