कासगंज। पीसीएस जे की परीक्षा में चयनित होने वाली मेधावी रश्मि सिंह ने साबित कर दिया कि यदि लक्ष्य पर ध्यान क्रेंद्रीत किया जाए तो सफलता में कोई बाधा नहीं आती। रश्मि सिंह ने प्रदेश की पीसीएस जे की परीक्षा में प्रदेश में तीसरा स्थान पाया है। उनकी इस सफलता पर अमर उजाला ने रश्मि सिंह से बातचीत की।
रश्मि सिंह शहर के इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी नरेंद्र कुमार की सबसे बड़ी पुत्री हैं। रश्मि अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनका छोटा भाई पीयूष पिता के साथ कारोबार कर रहा है, जबकि छोटी बहन मानसी एएमयू से शिक्षा ले रही है। रश्मि सिंह ने बताया कि उन्होंने शहर के द्रोपदी देवी सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की शिक्षा ली। हाईस्कूल में उनका कॉलेज में तीसरा स्थान था जबकि इंटर में वह टॉपर रहीं। इसके बाद उन्होंने एएमयू से बीए एलएलबी की शिक्षा ली। शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने न्यायिक अधिकारी बनने के लिए कोचिंग ली, लेकिन कोरोना के समय में कोचिंग संस्थान बंद होने पर ऑनलाइन कोचिंग का सहारा लिया। इसके बाद वह कोचिंग के लिए दिल्ली चली गई और दिल्ली में रहकर लगातार अपनी पढ़ाई की। रश्मि बताती हैं कि उनके मन में इस बात की जिद थी कि वह न्यायिक अधिकारी बनेंगी। इसके लिए उनका ध्यान केवल अध्ययन पर रहा। कोचिंग जाने के बाद घर में 10-12 घंटे तक पढ़ाई करती थीं। रश्मि ने बताया कि उन्होंने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया। सोशल मीडिया और मोबाइल से भी दूरी बनाकर रखी। केवल जरूरत पर ही उसका सहारा लिया। उन्होंने बताया कि वह द्रोपदी देवी विद्यालय में अक्सर डिबेट और भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थीं। जिसमें हर बार लोग डिबेट और भाषण कला की प्रशंसा करते थे। पिता ने जब उनका यह टेलेंट देखा तो पिता ने लॉ करने के लिए प्रेरित किया। रश्मि ने बताया कि उनकी हैंड राइटिंग काफी अच्छी है। हर कोई हैंड राइटिंग की प्रशंसा करता है। ऐसी स्थिति में जब पिता ने राह दिखाई तो न्यायिक अधिकारी बनने का मन में संकल्प आया और यह सफलता मिली।
घर पर है जश्र का माहौल
कासगंज। रश्मि के घर पर जैसे ही इस सफलता की जानकारी हुई तो पिता नरेंद्र, भाई पीयूष दुकान बंद करके घर पर पहुंचे। रश्मि की सफलता पर परिवार व आस पास के लोग भी एकत्रित हो गए। जमकर आतिशबाजी चलाई गई और मिष्ठान का वितरण किया गया। हर कोई रश्मि को बधाई दे रहा था। खुशी और जश्न का माहौल देर रात्रि तक जारी था।
माता पिता बोले सपना हुआ पूरा
रश्मि के पिता नरेंद्र सिंह एवं मां नेमवती से जब बेटी की सफलता पर बात की तो वे दोनों ही बेहद खुश थे। माता पिता बोले की बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया है। पिता नरेंद्र ने बताया कि उनकी बेटी डिबेट और भाषण में हमेशा अव्वल आती है। उसके इस टेलेंट को देखकर मन में विचार आया कि क्यों न उसे कानून की शिक्षा दिलाई जाए। जिसके माध्यम से उसे न्यायिक सेवा में जाने का मौका मिलेगा और सफल अधिवक्ता बनने का मौका मिलेगा। माता पिता बेहद खुश नजर आए और उन्होंने बेटी को गले लगा लिया।