कासगंज। विद्युत चोरी पर लगाम लगाने के लिए निगम ने आर्मर्ड केबल को अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही जिनकी केबल में कट लगे हुए हैं, उन्हें भी बदलवाया जाएगा। जिले में रोजाना बिजली चोरी के मामले सामने आते हैं। जबकि इसके लिए अलग से बिजली प्रतिरोधक थाना और पुलिस का प्रवर्तन दल स्थापित है। इसके बावजूद बिजली चोरी नही रुक पाती। बिजली चोरी रोकने के लिए निगम नई-नई तरकीबें आजमा रहा है। अब नया बिजली कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को आर्मर्ड केबल का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही जिन उपभोक्ताओं के मीटर खराब हो गए हैं तो उनके भी पुरानी केबल के स्थान पर आर्मर्ड केबल लगेगी।

इस समय विभाग बिजली चोरी रोकने के लिए अभियान चला रहा है। अभियान के दौरान भी बिजली चोरी के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों में केबल को बदलवाया जा रहा है। विक्रेता भरत माहेश्वरी बताते हैं कि आर्मर्ड केबल की मांग निकलने लगी है। यह केबल सामान्य केबल से महंगी होती है। सामान्य केबल जहां 10 से 20 रुपये मीटर तक आती है वहीं यह केबल 25 से 40 रुपये मीटर तक आ रही है।

कटा हुआ तार लगाने पर उपभोक्ता पर दर्ज हो सकता मुकदमा

पुराने उपभोक्ताओं के तारों में अगर कट है तो वह तार बदलकर आर्मर्ड केबल का उपयोग करें अन्यथा उनके खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज हो सकता है। अक्सर लोग तार पर कट लगा कर रात में कटिया डाल लेते हैं। इसके बाद दिन में कटिया हटा लेते हैं। ऐसे लोग खासतौर पर सावधान हो जाएं।

यह होती है आर्मर्ड केबल

आर्मर्ड केबल में सुचालक तार की शीट के ऊपर एक अन्य तार के परत होती है। इसके बाद फिर से प्लास्टिक और रबर मिक्स की शीट चढ़ी होती है। तारों से केबल में कट लगने की आशंका बहुत कम होती है और अंदर पड़ी सुचालक तार सुरक्षित रहती है। इससे बिजली चोरी करना संभव नहीं होता। यह केबल बंदरों के काटने से क्षतिग्रस्त नहीं होगी।

नए कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता एवं नए मीटर लगने पर आर्मर्ड केबल को अनिवार्य कर दिया गया है। चैकिंग अभियान में जहां भी केबल में कट के मामले सामने आ रहे हैं उनको भी बदलवाया जा रहा है। -सुरेश चंद्र रावत, अधीक्षण अभियंता



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