मिशन इंद्र धनुष में बच्चों को लगाए जांएंगे टीके, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की तैयारी

संवाद न्यूज एजेंसी

कासगंज। पडोसी जनपद एटा व हाथरस में डिप्थीरिया के केस आने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विभाग मिशन इंद्र धनुष में बच्चों, किशोर किशोरियों एवं गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कर प्रतिरक्षित करेगा। विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।

डिप्थीरिया एक खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी का बचाव टीकाकरण से ही हो सकता है, लेकिन अभिभावक अपने बच्चों का टीकाकरण कराने में लापरवाही बरतते हैं, जिससे इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। तीन साल पहले जिले में डिप्थीरिया के मामले सामने आ चुके है। वर्तमान में एटा में एक तथा हाथरस में 6 केस सामने आए हैं। इसमें से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। इससे जिले में भी इस बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 11 सितंबर से शुरू होने वो मिशन इंद्र धनुष में बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं 10 साल के बालक बालिका एवं 16 साल के किशोर किशोरियों को टीकाकरण करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। डेढ़ से साढे़ तीन साल तक की आयु के बच्चों को डिप्थीरिया सहित पांच बीमारियों से बचाने वाले पैँटावैलेंट का टीका लगाया जाएगा। टीकाकरण से वंचित एक साल से ऊपर के बच्चों को डिप्थीरिया का टीका लगाया जाएगा। जबकि गर्भवती महिलाओं, 10 साल केे बालक बालिकाओं, 16 साल के किशोर किशोरियों को टीडी का टीका लगेगा। यह टीका टिटनेस व डिप्थीरिया से बचाएगा।

इस तरह होता है डिप्थीरिया से बचाव

डेढ़ साल पर- पेंटावैलेंट की पहली डोज

ढाई साल पर- पेंटावैलेंट की दूसरी डोज

साढे़ तीन साल पर -पेंटावैलेंट की तीसरी डोज

डिप्थीरिया के लक्षण

गले में खंराश, बुखार, ठंड लगना, जोर से खांसी आना, गर्दन की ग्रंथियों में सूजन आना, सांस लेने में दिक्कत, पीसना आना, दिल की धड़कन तेज होना, अस्पष्ट बोलना आदि लक्षण हैं।

पडोसी जनपदों में डिप्थीरिया के मामले सामने आने के बाद विभाग मिशन इंद्र धनुष में टीकाकरण करेगा। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। – डाॅ. अंजुश, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी



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