आगरा की हरीपर्वत पुलिस ने ज्वैलर्स से धोखाधड़ी कर 153.79 ग्राम की पांच सोने की चेन लेकर फर्जी चेक और बैंक रसीद देने के मामले में आरोपी पूर्व जीएसटी कमिश्नर के पुत्र अभिषेक माथुर को सोमवार को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने दस्तावेजों की जांच के लिए समय देते हुए हरीपर्वत पुलिस के प्रार्थना पत्र पर 24 दिसंबर तक की कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली।

नेहरू नगर के निवासी योगेश अग्रवाल ने 16 दिसंबर को हरीपर्वत थाना में पूर्व जीएसटी कमिश्नर कुमोद माथुर और उनके बेटे अभिषेक माथुर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि कुमोद माथुर ने एक परिचित से फोन कराया और फिर अपने बेटे अभिषेक माथुर, बेटी और दामाद को आभूषण देने को कहा। अभिषेक अकेले आया और सोने की पांच चेन पसंद की। इसके बाद एक चेक दिया जो बाउंस हो गया। 

तकादा करने पर उसने कोटक महिंद्रा बैंक की फर्जी जमा रसीद व्हाट्सएप कर रकम खाते में भेजने काे कहा। उसने अपने दयालबाग में बेचे जा चुके पुराने मकान के पते पर जानबूझकर खाता खुलवाया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सेामवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोर्ट में प्रस्तुत कर बरामदगी के लिए रिमांड मांगी। 

न्यायालय ने पत्रावली के अवलोकन में जालसाजी की धारा 338 बीएनएस के संबंध में प्रस्तुत कोटक महिंद्रा बैंक की रसीद और पंजाब नेशनल बैंक के चेक को लेकर जांच में खामियां पाईं। इसके बाद आरोपी की रिमांड 24 दिसंबर 2025 तक स्वीकृत करते हुए विवेचक को विधिक राय लेने और गैर-विधिक हिरासत पर स्पष्ट जवाब दाखिल करने का आदेश दिया।

अधिवक्ता ने किया था रिमांड का विरोध

आरोपी के अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष रिमांड का विरोध करते हुए अभिषेक माथुर को बुधवार 17 दिसंबर 2025 को ही हिरासत में लेने का आरोप लगाया। अपराध स्वीकार कराने के लिए शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना देने का भी आरोप लगाया। अधिवक्ता का यह भी कहना था कि पुलिस ने वादी के दबाव में फर्जी बरामदगी दिखाने के उद्देश्य से अभियुक्त पर सोने की चेन देने का दबाव बनाया और उसे अलग-अलग स्थानों पर रखकर प्रताड़ित किया गया। आरोपी ने बयान दिया कि विवेचक उसे गुरुग्राम ले गए थे, जहां एक होटल में दो दिन तक रखकर पूछताछ की गई।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *