कासगंज। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम सुधाकर राय के न्यायालय ने धोखाधड़ी कर वसीयत कराने एवं मारपीट करने के आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी। कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

वादी रिंटू कुमार 30 जुलाई 2022 को अपनी मां के साथ ग्राम खलीलपुर सोरों जी अपनी जमीन देखने के लिए गया। वहां पर अतर सिंह, सुखवीर सिंह, जानकी प्रसाद उसे देखकर गालियां देने लगे और कहने लगे कि तेरे पिता ने हमारे नाम कर दिया है। इसके बाद जब उसने जानकारी की तो पता चला कि आरोपियों ने सोमवती, सुनीता देवी, वसीयत लेखक प्रबल प्रताप सिंह के साथ मिलकर 20 नवंबर 2018 को मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर वसीयत करा ली। जबकि उसके पिता की मौत 30 जुलाई 2012 में हो गई। पुलिस से जब इस मामले की शिकायत की गई तो कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद कोर्ट में वाद दायर किया गया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। मामला दर्ज हो जाने के बाद अतर सिंह ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की। विशेष लोक अभियोजक संजीव दरक ने मामले की पैरवी करते हुए अग्रिम जमानत का विरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।



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