आरी वाली ब्लेड से नौ वर्षीय बालक की गला काटकर हत्या करने के मामले में अदालत ने थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के मोतीबाग निवासी आयुष शर्मा को दोषी माना। एडीजे-21 विराट कुमार श्रीवास्तव ने उसे आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। दोषी घर के अंदर चोरी के इरादे से गया था। बच्चे ने उसे देख लिया, जिससे उसकी हत्या कर दी।
एत्माद्दौला थाने में दर्ज केस के अनुसार, कटरा वजीर खां में रहने वाली बालक की मां दीपांशी गौतम ने तहरीर दी थी। बताया कि वह 17 नवंबर 2017 की शाम 5 बजे अपनी बेटी यशिका के साथ सीता नगर सब्जी मंडी गई थीं। घर पर उनका 9 वर्षीय बेटा क्रिश अकेला था। लौटकर घर पहुंचीं तो देखा कि किसी ने बेटे की गला काटकर हत्या कर दी थी।
घर में खून ही खून बिखरा पड़ा था। उन्होंने घर के पड़ोस में सीट कवर की दुकान चलाने वाले सोनू पर बेटे की हत्या का शक जताया। कहा कि ऑटो खड़ा करने के मामले में सोनू से उनके पति का विवाद हुआ था। इसके बाद वह रोजाना गाली-गलौज करता था।
पुलिस ने दुकानदार सोनू और उनके किराएदार सुरेंद्र यादव के खिलाफ केस दर्ज किया। घटनास्थल से फॉरेंसिक टीम ने क्रिश का रक्तरंजित शव दरी में लिपटा, खून से सनी बेडशीट, दरी, आरी वाली ब्लेड बरामद कर जांच के लिए भेजा। बाद में पुलिस ने क्रिश की बहन यशिका के बयान पर आरोपी आयुष शर्मा को हिरासत लिया। पूछताछ के बाद आरोपपत्र अदालत में पेश किया।
मुकदमे के विचारण के दौरान तथ्य सामने आया कि आयुष शर्मा पूर्व में वादिनी के घर में किरायेदार था। वह चोरी के इरादे से आया था। क्रिश ने उसे पहचान लिया। वह किसी को बता न दे, इस वजह से आयुष ने आरी वाले ब्लेड से क्रिश की हत्या कर दी। यशिका ने आरोपी को घर से निकलते हुए देखा था।
