पुलिस ने तीन साइबर ठगों को पकड़ा है। साइबर ठगों का नेटवर्क विदेश तक फैला हुआ था। लोगों को जाल में फंसाकर बैंक खाते खुलवाते थे। इसका इस्तेमाल साइबर ठगी की रकम के लिए किया जाता था। 

आगरा के बमरौली कटारा पुलिस ने शनिवार को पीयूष वर्मा निवासी नगला ताल, बमरौली कटारा, मनीष वर्मा निवासी निगासन, लखीमपुर खीरी और एक बाल अपचारी निवासी लायकपुरा, निबोहरा को पकड़ा। पुलिस की पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि उनकी एपिल चाइनीज के नाम से फर्जी कंपनी है, जिसका एजेंट चाइना में मौजूद है।

आरोपियों ने बताया कि विदेश में बैठे लोगों से उनके सीधे संपर्क हैं। वहां से डिमांड के अनुसार लोगों को जाल में फंसाकर उनके करंट अकाउंट खुलवाते थे। इसकी जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर कर देते थे। लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन होता था। 

जब ये खाते फ्रीज हो जाते हैं तो दूसरे खातों से लेनदेन शुरू कर देते हैं। खाता खुलवाने के लिए लोगों को एक हजार रुपये देते हैं। फिर उनका डेबिट कार्ड और अन्य डिटेल अपने पास रख लेते थे। आरोपियों ने बताया कि कमीशन बेस पर काम करते हैं। खातों में जितना भी रुपये आता था, उसका 4 फीसदी इनको मिलता है। 

पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वो एप के माध्यम से सारा काम करते हैं। विदेशों में बैठे साइबर ठग एक मशीन के जरिए पूरा ट्रांजेक्शन करते हैं। इस मशीन में बस एकाउंट की डिटेल डालनी होती है। इसके बाद ऑटोमैटिक ट्रांजेक्शन शुरू हो जाते हैं। इसके बाद ठग रकम को क्रिप्टो करेंसी में कनवर्ट कर निकाल लेते हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी पहले फर्जी आईडी बनाकर प्रमोशनल चैनल बनाकर लोगों को जाल में फंसाकर कर साइबर ठगी करते थे। 21, 22 और 23 नवंबर को साइबर फ्राड के माध्यम से पीयूष वर्मा ने फर्जी खाते से कलाल खेरिया स्थित एटीएम से 3.50 लाख रुपये निकाले थे।

 



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