कासगंज। बरौना गांव के अस्तित्व को बचाने के लिए पिछले वर्ष से ही जद्दोजहद चल रही है। शासन के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने अब तक बांध बनाने और गांव को बचाने के लिए बांध बनाया। अब बांध और गांव को कटान से बचाने के लिए सुरक्षात्मक कार्यों पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। फिर भी कटान का संकट टला नहीं है। अभी तक लगातार सिंचाई विभाग के द्वारा कटानरोधी कार्य किए गए। इन कार्यों से ही गांव का अस्तित्व बचा हुआ है। प्रशासनिक और सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार बरौना गांव को बचाने की जद्दोजहद में शामिल हैं। जिसका निरीक्षण करने मुख्यमंत्री स्वयं आज पहुंच रहे हैं।
गांव के अस्तित्व को बचाने की मुहिम पिछले वर्ष जुलाई माह से शुरू हुई, लेकिन इसके बाद जैसे-जैसे कटान ने तीव्रता पकड़ी और संवेदनशीलता बढ़ती चली गई। शासन, प्रशासन, सिंचाई विभाग ने इसे गंभीरता से लिया। तभी से गांव को बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों का सिलसिला पिछले वर्ष जुलाई माह से अब तक चल रहा है। शासन ने गांव को कटान से बचाने के लिए साढ़े सात करोड़ रुपये से बांध बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। शासन के द्वारा बांध के निर्माण के लिए साढ़े सात करोड़ रुपये का धन अवमुक्त किया गया। जियो ट्यूब, ईसी बैग व अन्य सामग्री का इस्तेमाल करके एक मजबूत बांध बनाया गया। इसके अलावा करीब ढाई करोड़ रुपये बांध पर कटानरोधी सुरक्षात्मक कार्यों और गांव को कटान से बचाने के लिए खर्च किए जा चुके हैं। करीब 5 लाख ईसी बैग का इस्तेमाल किया गया है। 300 से अधिक बंबूक्रेट लगाए गए हैं। डेढ़ सौ वायरक्रेट का इस्तेमाल किया गया है। 1500 परक्यूपाइन स्टड लगाए गए हैं और 800 गेवियन लगाए गए।
वर्जन-
सिंचाई विभाग के द्वारा लगातार पिछले वर्ष जुलाई माह से कटानरोधी कार्य किए जा रहे हैं। साढ़े सात करोड़ रुपये की लागत से बड़ा बांध बनाया गया। इसके बाद गंगा की धारा ने फिर कटान किया। इस पर भी काफी खर्च हुआ है। – अरुण कुमार, अधिशासी अभियंता, सिंचाई।