आगरा जिले में राशन माफिया की जड़ें गहरी होती जा रही हैं। गरीबों को मुफ्त में बांटा जाने वाला राशन बाजार में बिक रहा है। आपूर्ति विभाग की टीम ने खंदौली और बोदला में दो जगह छापा मारकर 27 क्विंटल राशन का चावल जब्त किया।
आपूर्ति निरीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि मंगलवार शाम सूचना मिली थी कि टेढ़ी बगिया-खंदौली मार्ग पर सरकारी चावल की बिक्री हो रही है। महादेव मंदिर के पास प्रभात कोल्ड स्टोरेज के पीछे बने मकान से 24 प्लास्टिक के कट्टों में सरकारी फोर्टिफाइड चावल बरामद किया, जिसका वजन 12 क्विंटल है।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि यह चावल नेकपुर, खंदौली निवासी तन्नू का है, जो छापा पड़ते ही मौके से फरार हो गया। मकान देवेंद्र सिंह सिसौदिया, निवासी नगला महाराम का है, जो दिल्ली में रहते हैं। जांच में सामने आया कि तन्नू सरकारी चावल का अवैध भंडारण और बिक्री कर रहा था।
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी सुमन सारस्वत ने बताया कि बोदला के शांतिपुरम स्थित बैनारा फैक्टरी के पीछे संजय अग्रवाल के मकान से छापा मारकर 15 क्विंटल सरकारी चावल बरामद किया। बोरी बदलकर चावल बेचा जाता था। एक इलेक्ट्रॉनिक कांटा भी बरामद हुआ है। कार्रवाई के दौरान पूर्ति निरीक्षक राजीव तिवारी भी मौजूद रहे। दोनों मामलों में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी जा रही है।
आगरा में करीब 30 लाख राशन उपभोक्ता हैं। हर माह करीब छह हजार टन राशन वितरण के लिए आता है। राशन माफिया स्थानीय बाजारों से लेकर पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों तक राशन बेचते हैं। इसके लिए संगठित गिरोह काम करता है। जनवरी 2025 में राशन माफिया सुमित अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई। डीएम ने रासुका लगाने की बात कही थी, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस की लचर कार्यशैली से रासुका नहीं लगा।
राशन माफिया जमानत अब बाहर है। उसके गिरोह में 100 से अधिक लोग हैं, जो जिलेभर में राशन की कालाबाजारी करते हैं। राशन माफिया से नजदीकियों के कारण तत्कालीन एडीएम आपूर्ति सुशीला अग्रवाल को भी हटाया जा चुका है। उनके विरुद्ध जांच प्रचलित है।
