कासगंज। गिफ्ट डीड योजना के ट्रायल के अच्छे परिणाम सामने आने के बाद सरकार ने अब इस योजना को स्थाई कर दिया है, लेकिन इस बार योजना में कई बदलाव भी किए गए हैँ। रक्त संबंध के साथ विधवा बहु व दामाद भी योजना का लाभ पाने के अधिकारी हो गए हैं।

परिवार के बीच संपत्ति के बंटवारे पर सात फीसदी स्टांप शुल्क लगता था। झगड़े रोकने के लिए पिता वसीयत करते थे, लेकिन अधिकांश वसीयतें विवाद के कारण कोर्ट पहुंच जाती थीं। भारी भरकम स्टांप के कारण पिता अपने जीवित रहते बेटे को संपत्ति नहीं दे पाता था। इस वजह से बेटा उनकी आंखों के सामने व्यवसाय नहीं कर पाता था। भाई-भाई के बीच भी संपत्ति बंटवारे में सात फीसदी स्टांप देय था।सरकार ने घर घर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने के लिए छह माह के लिए गिफ्ट डीड योजना को लागू किया। योजना का जिले के लोगों ने भी काफी लाभ लिया। इस योजना में मात्र पांच हजार रुपये के स्टांप शुल्क में जिले की 224 संपत्तियां अपनों को दान कर दी गई। जिससे लोगों को स्टांप शुल्क में 40312810 रुपये का लाभ मिला। वहीं सरकार को भी अच्छा राजस्व मिला। सरकार ने इस योजना को अब स्थाई रूप से लागू कर दिया है। योजना के तहत पांच हजार रुपये में रक्त संबंध में संपत्ति का हस्तांतरण हो जाएगा। आवासीय और कृषि संपत्ति को ही दान में दिया जा सकेगा। संस्था, कंपनी, ट्रस्ट आदि पर गिफ्ट डीड लागू नहीं होगी। औद्योगिक, व्यवसायिक और संस्थागत संपत्ति इसके दायरे से बाहर रहेंगी।

पांच वर्ष में एक बार हो सकेगी संपत्ति दान

सरकार ने संपत्ति दान के लिए समय अवधि भी निर्धारित की गई है। रजिस्ट्रीकरण के दिनांक से 5 वर्ष के भीतर संपत्ति को दान में प्राप्त करता फिर से संपत्ति को उपहार में नहीं दे सकेगा। इस समय अवधि के बीत जाने के बाद ही संपत्ति को दान किया जा सकेगा।

इनकाे की जा सकेगी संपत्ति दान

गिफ्ट डीड के तहत संपत्ति का हस्तांतरण केवल पुत्र, पुत्री, पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्रवधू, सगा भाई, सगे भाई के मृतक होने की स्थिति में उनकी पत्नी, सगी बहन, दामाद और पुत्र-पुत्री के बेटा-बेटी को ही किया जा सकता है।

सरकार ने गिफ्ट डीड को अब स्थाई कर दिया है। रक्त संबंध में आवासीय एवं कृषि संपत्ति को दान किया जा सकेगा।

एमएम खान सहायक महानिरीक्षक निबंधन



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