संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा

Updated Sun, 01 Oct 2023 12:21 AM IST

सोरोंजी। तीर्थंनगरी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्राद्ध पूजा एवं पितरों के तर्पण के लिए पहुंच रहे हैं। श्राद्ध पूजा के लिए तिल व कुश का विशेष महत्व रहता है। मान्यता है कुश और तिल भगवान विष्णु के शरीर से निकले हैं बिना इस सामग्री के श्राद्ध पूजा और तर्पण अधूरा माना गया है।गरूण पुराण के अनुसार कुश में देवताओं का वास होता है। कुश का अग्र भाग देवताओं का माना गया है। मध्य भाग मनुष्य का और जड़ भाग पितरों का माना जाता है जबकि तिल पितरों को प्रिय होते है। दुष्ट आत्माओं को दूर भगाने के लिए तिल बिखेरे जाते हैं। मान्यता है कि तिल बिखेरे बिना श्राद्ध पूरा नहीं होता। तीर्थंनगरी में श्राद्ध पक्ष के दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्राद्ध व तर्पण के लिए पहुंचे। भोर के साथ ही हरि की पौड़ी के घाटों पर पितरों के तर्पण का सिलसिला शुरू हो जाता है।



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