सोरोंजी। श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर हरि की पौड़ी व लहरा गंगा घाट पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य कमाया। वहीं मंदिरों पर देव दर्शन कर पूजन किया। घाटों पर मौजूद साधु, निर्धनों व जरूरतमंदों को दान दिया। वहीं अनुष्ठान भी कराए।

सुबह ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालु गंगा घाट पहुंचने लगे। राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र, दिल्ली एवं प्रदेश के कोने कोने से हजारों की संख्या में तीर्थंनगरी पहुंचे। श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों की आत्म शांति के लिए तीर्थ पुरोहितों से पूजन अनुष्ठान कराया। श्रद्धालुओं ने गंगा किनारे अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराकर प्रसाद बांटा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद मां गंगा की पूजा अर्चना कर दुग्धाभिषेक किया। मां गंगा का चुनरी मनोरथ कर आरती उतारी। श्रद्धालुओं ने हरि की पौड़ी की व पंचकोसी परिक्रमा कर हरिनाम का संकीर्तन किया। परिक्रमा मार्ग में बैठे गरीब निर्धनों को अनाज, कपड़ा, पैसा आदि दान किया। रक्षाबंधन पर्व पर श्रद्धालुओं ने बाजार से घेवर, फैनी आदि की खरीदारी की। मंदिरों में दान किया एम रक्षा सूत्र देवी देवताओं को अर्पित किए। भगवान वराह की आरती उतारकर प्रसाद चढ़ाया। वराह मंदिर में सेवायत पंडित नरेश त्रिगुणायत ने भगवान वराह को नूतन पोशाक अलंकार पहनाकर भव्य शृंगार किया।

मंदिरों पर पूजा अर्चना कर मांगी मनौतियां

रघुनाथजी, बालाजी दरबार, मानस मंदिर, सोमेश्वर, सिद्ध हनुमान, सिद्ध विनायक, श्याम वराह मन्दिर, द्वारिकाधीश, गंगा माता, पंच महाशक्ति आदि मंदिरों में भी पहुंचकर श्रद्धालुओं ने दर्शन कर मंदिरों पर पूजा अर्चना की। वहीं परिवार की खुशहाली को मनौतियां मांगी।



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