कासगंज। बीते छह वर्षों में जिले के ग्रीन कवर में काफी गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण रहा है सड़कों के निर्माण के लिए हरे भरे वृक्षों का कटान होना। फोरलेन सड़क निर्माण के दौरान करीब 6000 वृक्ष काटे गए थे। इससे जिले का ग्रीन कवर काफी प्रभावित हुआ था। अब सिक्सलेन सड़क निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग 530 के नाम से बनाई जा रही। इस सड़क का दायरा लंबा है। ऐसे में सड़क निर्माण में बाधा बनने वाले करीब 3000 से अधिक पेड़ फिर से काटे जाएंगे। इससे जिले का ग्रीन कवर फिर से प्रभावित होगा। मजे की बात यह है कि कासगंज क्षेत्र से कटने वाले पेड़ों के एवज में विभाग फिरोजाबाद जनपद में पौधरोपण का कार्य करेंगा। एनएचएआई के प्रस्ताव पर वन विभाग ने प्रक्रिया शुरू भी कर दी है।

सड़कों के नवनिर्माण के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं। जिले में भी काटे जाने वाले पेड़ों के मुकाबले अलग से वन भी विकसित किए जा रहे हैं। ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए यह कवायद हो रही है, लेकिन इस कवायद की सफलता में कई वर्ष लगेंगे। क्योंकि रोपे गए पौधों के पेड़ का रुप लेने में कम से कम दस वर्ष का समय लगेगा। इसबीच पेड़ों की कटान होगी। वैसे भी जिले में बीते पांच वर्षों से पौधरोपण का दायरा बढ़ाया जा रहा है। यह कवायद ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए किया जा रहा। इसके तहत भागीरथ वन, गंगावन स्थापित किए गए। अब यह दोनों वन काफी विकसित हो चुके हैं और वन क्षेत्र में चारों ओर हरियाली हो गई है। इस वर्ष भी 25 लाख पौधे रोपित किए गए। ये वृक्ष जिले की सीमा में सिकंदराराऊ मार्ग और 32 ग्रामीण इलाकों के अलावा बरेली की ओर जाने वाली सड़क के दोनों ओर लोक निर्माण विभाग की हद में हैं। पेड़ों के कटान के लिए भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा भी एनओसी जारी की जाएगी। इस प्रस्ताव में तय किया गया है। जिले में कटने वाले वृक्षों की एवज में जनपद फिरोजाबाद में पौधरोपण किया जाएगा। जिसका प्रस्ताव वन विभाग तैयार करेगा।

सिक्सलेन सड़क निर्माण के लिए जिले में तीन हजार से अधिक वृक्ष काटे जाएंगे। इस संबंध में वन विभाग को पत्रावली भेजी गई है। वन विभाग के स्तर से काटे जाने वाले वृक्षों की ऐवज में जनपद फिरोजाबाद में पौधरोपण किया जाएगा।- उत्कर्ष कुमार, प्रभारी निर्माण, एनएचएआई, बदायूं खंड।

सिक्सलेन निर्माण के लिए जो पौधे काटेे जाएंगे, और जितना क्षेत्रफल प्रभावित होगा। उससे दोगुने क्षेत्रफल में ये पौधे फिरोजाबाद जिले में रोपित किए जाएंगे।- दिलीप कुमार, डीएफओ।



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