मैनपुरी। साहब, मुझे बेटे-बहू ने घर से निकाल दिया है। आठ साल से दर-दर की
ठोकरे खाने के बाद अब वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हूं… लड़खड़ती जुबान से अटक-अटक कर निकले 80 वर्षीय वृद्ध की वेदना के ये बोल एडीजे (अपर जिला जज) कुलदीप सिंह के सीने को चीर गए।



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