आगरा। बिना सोचे समझे वीडियो फारवर्ड करना या वायरल करना मुसीबत बन सकता है। यह साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है। जगदीशपुरा थानाक्षेत्र में एक धर्मस्थल में बच्ची से दुष्कर्म का मामला इसका ताजा उदाहरण है। वीडियो वायरल करने पर पुलिस ने 44 लोगों को चिह्नित किया है। ऐसे लोगों पर न्यायाधीश के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज किया गया है।

Trending Videos

जगदीशपुरा इलाके में 18 मई की सुबह एक धर्मस्थल के बाहर खेल रही 5 साल की बच्ची को समीप की कॉलोनी का एक युवक ले गया था। उस वक्त धर्मस्थल में लोग नहीं थे। आरोपी ने बच्ची से दुष्कर्म किया। घटना के करीब एक सप्ताह के बाद धर्मस्थल के अंदर और बाहर के सीसीटीवी फुटेज में आरोपी बच्ची को अंदर ले जाते हुए, दुष्कर्म आदि के फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए।

इस घटना का संज्ञान न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने लिया। उन्होंने पुलिस को आदेश दिया कि वीडियो वायरल करने वालों की जांच कर कार्रवाई की जाए। साइबर सेल ने इस मामले में अब तक 44 लोगों को चिह्नित किया है, जिन्होंने इस दरम्यान अपने मोबाइलों से वीडियो फॉरवर्ड किए। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इन सभी के भूमिका की जांच कर संलिप्तता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

वीडियों फारवर्ड करते समय जरूर सोचें

साइबर विशेषज्ञ समय सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तमाम वीडियो आते हैं। इन वीडियो की सत्यता की जांच किए बिना लोग एक-दूसरे को फॉरवर्ड कर देते हैं। इस तरह से अनजाने में ही लोग साइबर क्राइम कर बैठते हैं। ध्यान रखें कि आपराधिक घटनाओं के वीडियो फुटेज कभी दूसरों को फॉरवर्ड नहीं करें। ऐसा करने पर साइबर एक्ट में आपके विरुद्ध केस दर्ज किया जा सकता है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *